घर में बैठकर लेते हैं सरकार से मोटी सैलरी

August 14, 2015 4:51 PM0 commentsViews: 145
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“बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने के सरकारी दावे पर विभाग के ही फार्मासिस्ट और एएनएम पलीता लगा रहे हैं। ग्रामीण अंचल के स्वास्थ्य केंद्रों में अधिकतर पर ताला लटका रहता है। करोड़ों की नई बिल्डिंग के बाद भी अस्पताल पुराने व जर्जर भवन में ही संचालित हो रहा है।”

डुमरियागंज के चकचई व देईपार स्थित न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दोनों बंद दिखाई दिए। जहां तक चकचई अस्पताल की बात है तो यह केंद्र बयारा स्थित पंचायत भवन में चल रहा है, जिसकी हालत वर्तमान बहुत खस्ता है। नया भवन तो बन गया है परंतु अभी तक हैंडओवर नहीं हो सका है। करीब दो वर्ष से किसी डाक्टर की तैनाती नहीं है, फार्मासिस्ट व एनएमए की तैनाती है, परंतु वह भी ज्यादातर गायब रहते हैं ।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देई पार की स्थिति भी दयनीय नजर आई। जर्जर किराए के भवन में चल रहा अस्पताल महीनों से डाक्टर विहीन है। केंद्र फार्मासिस्ट के भरोसे चलता है, परंतु वह अस्पताल आएंगे और कब नहीं आएंगे, किसी को पता नहीं रहता है। 10.05 बजे चिकित्सालय पर ताला लटकता मिला। इस अस्पताल की भी करोड़ों रुपये की बि¨ल्डग बनकर तैयार है, मगर भवन स्थानांतरित नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि अस्पताल कभी खुलता है तो न तो डाक्टर मिलते हैं और न ही दवाएं, ऐसे स्वास्थ्य केंद्र से फायदा ही क्या है।

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