बुद्ध धम्म के प्रचार के लिए सम्राट अशोक के प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता- दुष्यंत राम

October 24, 2015 7:32 AM0 commentsViews: 276
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संजीव श्रीवास्तव

तहसील प्रांगण में सभा को संबोधित करते दुष्यंत कुमार बौद्ध

तहसील प्रांगण में सभा को संबोधित करते दुष्यंत राम बौद्ध

सम्राट अशोक ने बुद्ध धम्म के प्रचार-प्रसार के लिए अनेक कार्य किए। इसके लिए उन्होंने अपने पुत्र महेन्द्र एवं पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा और 8400 स्तूपों का निर्माण कराया। बुद्ध धम्म के उत्थान में सम्राट अशोक के प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

यह बातें दुष्यंत राम बौद्ध ने कही। वह गुरुवार को सदर तहसील परिसर में दि बुद्धिस्ट सोसाइटी आफ इंडिया के बैनर तले सम्राट अशोक धम्म विजय दशमी एवं डा. भीमराव अम्बेडकर धम्म दीक्षा दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक ने आज के ही दिन बुद्ध धम्म की दीक्षा ली थी।

उन्होंने कहा कि धम्म विजय दशमी पर्व बौद्ध अनुयायिओं की आस्था का पर्व है। शंभू नाथ एवं रवीन्द्र कुमार ने कहा कि वर्तमान में धम्म विजय दशमी पर्व को कुछ असमानतावादी एवं यथास्थितिवादियों ने बदल दिया है। धम्म विजय दशमी के वास्तविक इतिहास को जनमानस में फैलाकर सम्राट अशोक एवं डा. अम्बेडकर के सपनों का भारत बनाना है।

जिलाध्यक्ष राम उजागिर बौद्ध की अध्यक्षता में हुई सभा को ई. विनय कुमार, सुरेन्द्र कुमार जाटव, रामपाल बौद्ध, नन्दू मास्टर, राम अवध, रवि चौधरी, श्रीराम, आलोकरंजन, सन्नू प्रसाद आदि ने संबोधित किया। संचालन मनीराम बौद्ध ने किया।

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