exclusive-जानिएǃ दुनियां के किस देश के लोग रख रहे हैं साढ़े बाईस घंटे का रोजा?

May 30, 2017 1:37 PM0 commentsViews: 734
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नजीर मलिक

 

 

ग्रीनलैंड का मानचित्र और रोजेदार

ग्रीनलैंड का मानचित्र और रोजेदार

 

रोजा रखने वालों को काफी सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है। दिनभर भूखा रहने के बाद सूर्यास्‍त यानी मगरिब की अजान पर रोजा इफ्तार होता है। इस बार भारत में पहला रोजा करीब 15 घंटे लंबा रहा। लेकिन दुनियां में एक देश ऐसा भी है, जहां के लोगों का पहला रोजा 22.2 घंटे लंबा रहा, जबकि आखिरी रोजा 22.30 घंटे लंबा होगा। कितना मुश्किल होगा वहां का रोजा?

चौकिए नहीं इस साल सबसे लंबा पहला रोजा ग्रीनलैंड  दीप में रहा। इस दीप पर अफ्तार सेहर के बीच का वक्फा 21.02 घंटे रहा। जबकि पड़ोस के ॽ आइसलैंड में 21 घंटे का रहा। वहीं सबसे छोटा रोजा अर्जेंटीना में रहा।  वहां  यह वक्फा 11.32 घंटे का ही रहा। भारत में पहला रोजा 15.05 मिनट का था। वहीं ईद तक यह वक्फा  और लंबा हो जाएगा। करीब 34 साल बाद इतना लंबा रोजा जून में पड़ रहा है। वहीं पड़ोसी देशों पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान में रोजा करीब 14 घंटे का होगा।

क्यों होता है लंबा रोजा

हमारी पृथ्‍वी पर आर्कटिक घेरे के उत्तर में इसके दक्षिण में पड़ने वाले सभी इलाकों में गर्मियों के मौसम में आधी रात को भी सूरज दिखाई देता है। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि यहां छह महीने सूरज छिपता ही नहीं और मौसम सही हो तो चौबिसों  घंटे सूरज दिखता है. इसका वैज्ञानिक कारण पृथ्वी का अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री झुका हुआ होना है। इसलिए गर्मियों के मौसम में यहां सूरज डूबता नहीं है।

उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव पर सूरज वर्ष में एक बार उगता है और एक बार डूबता है. जिसका परिणाम यह होता है कि लगभग छह महीने दिन रहता है और छह महीने रात। आर्कटिक घेरे के उत्तर में पड़ने वाले देशों में कनाडा, अमरीका का राज्य अलास्का तथा ग्रीनलैंड प्रमुख हैं, जहां रात न के बराबर होती है।

इनमें ग्रीनलैंड के बारे में वैज्ञानिक बताते हैं कि वहां इस साल गर्मी में सूरज लगभग तीन घंटे के लिए अस्त हो रहा है। इसलिए वहां फज्र की अजान यानी सेहरी समाप्त होने से मगरिब की अजान यानी इफ्तार के बीच 22 घंटे का वक्फा होता है। आखिरी रमजान तक यह वक्फा साढे 22.30 घंटे का हो जायेगा। इसे अलावा आइस लैंड में रोजा 22 घंटे का होगा।
कहां है ग्रीनलैंड

ग्रीनलैंड (‘लोगों की भूमि’) डेनमार्क राजशाही के अधीन एक स्वायत्त घटक देश है, जो आर्कटिक और अटलांटिक महासागर के बीच कनाडा आर्कटिक दीप समूह के पूर्व में स्थित है। हालांकि भौगोलिक रूप से यह उत्तर अमेरिका महाद्वीप का एक हिस्सा है, लेकिन 18 वीं सदी के बाद से यूरोप (खास तौर पर डेनमार्क) से राजनीतिक रूप से जुड़ा हुआ है।इस द्धीप की आबादी सिर्फ 57 हजार है।
 

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