Exclusive- प्रियंका गांधी के आक्रमक रूख से बदल सकता है डुमरियागंज का सियासी समीकरण

February 11, 2019 4:20 PM0 commentsViews: 2383
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नजीर मलिक

लखनऊ में आज के कामयाब रोड शो में आत्मविश्वास में डूबीं प्रियकां गांधी

 “लखनऊ में प्रियंका गांधी के रोड शो की घोषणा के बाद सपा  बसपा गठबंधन में होने वाले फायदे नुकसान को लेकर समीक्षा शुरू हो गई थी। इसके बाद कांग्रेस और राहुल गांधी को गठबंधन में शामिल कर उन्हें 12 सीटें देने की रणनीति बन गई। आज लखनऊ में प्रियंका का जबरदस्त रोड शो देख कर उन्हें 15 सीटें देने का विचार चल रहा है। अगर राहुल गांधी इस आफर को स्वीकार करते है तो उत्तर प्रदेश की तस्वीर क्या होगी और डुमरियागं लोकसभा सीट का गणित क्या होगा इसे, जानना बेहद दिलचस्प होगा”।

 

राहुल के लिए भविष्य महत्वपूर्ण

लखनऊ के सियासी गलियारों में तैरने वाली खबरों के मुताबिक अगर राहुल गांधी अगले चुनाव में किसी भी दल को बहुमत न मिलने पर विपक्ष के समर्थन से प्रधानमंत्री पद पाना चाहते हैं तो उन्हें यूपी में सपा बसपा के प्रति नर्म रूख रखते हुए उनसे सामंजस्य बैठाना ही पड़ेगा। प्रियंका के सफल दौरे के बाद जहां सपा बसपा के भीतर कांग्रेस से समझौते की ललक बढ़ी है, वहीं राहुल गांधी भी भविष्य की राजनीति को घ्यान में रख कर उन्हें सम्मान देना चाहेंगे। इसलिए समझा जाना चाहिए कि यह समझौता मुमकिन है जल्द ही हो जाये।

तो क्या मुकीम साहब की राजनीति पे ग्रहण लगेगा?

लेकिन सवाल है कि अगर यह समझौता हुआ समझौता हुआ, तो जिले की मुस्लिम बाहुल्य डुमरियागंज की लोकसभा सीट कहां जायेगी?  कांग्रेस के एक उच्चपदस्थ सू़त्र का कहना है कि अगर कांग्रेस ने सपा बसपा से 15 सीट के आधार पर समझौता किया तो डुमरियागंज की सीट शायद कांग्रेस के खाते में न आये। इसके पीछे मजबूत दलील भी है। अगर ऐसा हुआ तो डुमरियागंज लोकसभा सीट के प्रबल दावेदार व पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम को सबसे बड़ा घाटा होगा। अगर ऐसा हुआ तो यह मुकीम साहब की राजनीति पर ग्रहण से कम नहीं होगा।

तलत अजीज हैं मुकीम की बाधा

जानकार बताते हैं कि अगर कांग्रस ने 15 सीटों पर समझाैता किया तो उसे 15 सीटों में पूर्वी यूपी में बमुश्किल 5 सीटें मिलेंगी। इसमें वह कुशीनगर, प्रतापगढ़, देवरिया, बलिया व इलाहाबाद जिलों से एक एक सीट जरूर चाहेगी।  इसके अलावा पूर्वांचल की मुस्लिम नेता तलत अजीज संतकबीर नगर से कांग्रेस की टिकट की दावेदार है। उनकी राहुल के सलाहकार कनिष्क सिंह की मां से दोस्ती है। खबर है कि कनिष्क सिंह तलत अजीज को आंटी कहते हैं, अगर राहुल पूर्वी यूपी से किसी मुस्लिम को लड़ाना चाहते है तो निसंदेह उनकी पहली पसंद तलत अजीज होंगी। हांलाकि राहुल गांधी पूर्व सांसद मुकीम को पसंद करते हैं, लेकिन राजनीति में सब कुछ नेता की पसंद पर नही चलता। समीकरण महत्व बहुत रखते हैं। यहां सपा के दिग्गज, अखिलेश के सनसहकार और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद भी कभी नहीं चाहेंगे, कि उनके गृह क्षेत्र में, उनके मुख्य प्रतिद्धंदी ( मुकीम) को टिकट मिले।

माता प्रसाद कब चाहेंगे कि मुकीम आगे आयें

राजनैतिक टिप्पणीकारों का मानना है कि गठबंधन की दशा में सर्वाधिक नुकसान पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम को हो सकता है। क्योंकि सपा दिग्गज  माता प्रसाद अपने बड़े प्रतिद्धंदी को कभी इागे नहीं बढने देंगे तो मायावती भी अपने करीबी और मुस्लिम लीडर के रूप में आफताब आलम को कभी नहीं छोड सकती हैं। क्योंकि नसीमुद्दीन के पार्टी छोड़ने के बाद उन्हें ऐ मुस्लिम नेता की तलाश है और आफताब आलम उनके लिटमस टेस्ट हैं। इसलिए पूर्व पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम साहब के लिए यह बड़ी खबर होगी कि कांग्रेस का सपा बसपा से समझाैता किसी हालत में न हो।

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