बलरामपुरः भाईचारा व कौमी एकता की मिसाल कायम कर रहे शाबान अली व समर जावेद

October 1, 2017 2:20 PM0 commentsViews: 243
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सग़ीर ए ख़ाकसार

बलरामपुर।शहर बलरामपुर यानी अली सरदार जाफरी की सरज़मींन, बेकल उत्साही जन्मभूमि। जिन्हें कुछ लोगों ने कबीर समझा तो कुछ लोगों ने अमीर खुसरो कहा।यह सरज़मींन हमेशा से ही हिन्दू मुस्लिम एकता और भाई चारे की मिसाल रही है।अब इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे है शाबान अली, समर जावेद जैसे नौजवान। इस नेक काम की सरपरस्ती कर रहे है शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता और एक नेक दिल इंसान राज कुमार श्रीवास्तव।

दशहरे में वरिष्ठ समाजसेवी शाबान अली और उनकी टीम ने मां भक्तों को पानी पिलाया,और श्रद्धालुओं में फलों का भी वितरण किया। शाबान अली की टीम ने अपनी सकरात्मक सोंच से हिंदुस्तान की गंगा यमुनी तहज़ीब को मजबूत किया।जिसकी सर्वत्र प्रशंशा हो रही है।प्रशासन की सूझ बूझ की वजह से शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल  में मूर्ति विसर्जन का जुलूस सम्पन्न हुआ।

पुलिस क्षेत्राधिकारी नितेश सिंह,नगर कोतवाली इंचार्ज गंगेश कुमार ने शहर के इन प्रबुद्ध जनों और शांतप्रिय नागरिकों के सहयोग से शहर के सौहार्दपूर्ण माहौल को बनाये रखने में कामयाबी हासिल की।वरिष्ठ समाजसेवी शाबान अली ने मुस्लिम समुदाय के साथ एक तरफ सकारात्मक समन्वय स्थापित किया तो वहीं दूसरी और प्रशासन के साथ भी पूर्ण सहयोग किया।यही नहीं उन्होंने बाकायदा कैम्प लगाकर दूरदराज से आये हिन्दू श्रद्धालुओं और भक्तजनों को अपने सहयोगियों के साथ पानी भी पिलाया।शहर की मस्जिदों को रंग आदि से बचाने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ पूरी रात मुस्तैद रहे।

बलरामपुर के पूर्व चेयरमैन स्व. जावेद आलम की स्मृति में स्थापित जावेद फाउंडेशन की टीम ने भी दशहरे में हिन्दू मुस्लिम भाईचारे को मजबूत बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई।फाउंडेशन ने कैम्प लगाकर अपने सहयोगियों के साथ भक्तजनों में मिष्ठान वितरित कर जलपान कराया।प्रशासन की मुस्तैदी और चाक चौबंद व्यवस्था और दोनों समुदायों की शांतप्रिय अवाम की सूझ बूझ और ताल मेल से शांतिपूर्ण माहौल में मूर्ति विसर्जन का जुलूस बलरामपुर में सम्पन्न हो गया।इस तरह बलरामपुर शहर ने अपनी क़ौमी यकजहती और भाई चारे की मिसाल पेश की।जिसकी खुशबू उम्मीद है दूर तलक जाएगी।

 

 

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