बंदी रक्षक ने कैदी के भाई से फोन पर मांगी रिश्वत, कहा- पैसे भेजो वरना ‘काम’ पर लगा दूंगा

July 3, 2020 12:02 PM0 commentsViews: 504
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बंदी रक्षक ने कैदी के भाई से फोन प मांगा रिश्वत, कहा- पैसे भेजो वरना काम पर लगा दूंगा

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। जेल कर्मयों द्धारा जेल के अंदर किए जाने वाले भ्रष्टाचार की खबर आम होने लगीं हैं। इस बार एक बंदी रक्षक ने एक कैदी से बैठकी के पैसे (रूटीन रिश्वत) न मिलने पर उसके भाई को फोन किया और कहा कि 35 सौ रुपये नहीं भेजे तो तुम्हारे भाई को कड़ी मेहनत वाले काम पर लगा दिया जाएगा। इस घटना की खबर जेलर ने बंदीरक्षक से स्पष्टीकरण मांगने की बात पत्रकार से कही है।

 घटना के बारे में बताया जाता है कि देवरिया निवासी विनोद कुमार सिंह फर्जी शिक्षक बनने  के आरोप में सिद्धार्थनगर जिला जेल में बंद है। पिछले दिनों उसके भाई आमोद सिंह के मोबाइ फोन 7738112526 पर एक अन्य मोबाइल नम्बर 9984849862 से फोन आया। बताया जाता है कि फोन करने वाले ने अपना परिचय रवीन्द्र शर्मा जेल बंदी रक्षक के रूप में दिया। 

उसने कहा कि जेल में बंद तुम्हारे भाई की बैठकी का धन नहीं जमा है। जल्दी जमा करो नहीं तो उसे कड़ी मेहनत वाले काम पर लगा दिया जाएगा। बताते हैं कि आमोद कुमार ने वह पैसा समय से एक सिपाही को पहुंचा भी आया था, जिसने वह पैसा बंदी रक्षक को नहीं दिया। जब आमोद सिंह ने पैसा सिपाही को जमा करन की बात कही तो बंदी रक्षक का कहना था, वह पैसा उसे नही मिला है। इसलिए फिर से जमा करो। यह सारी बातें मोबाइल फोन में टेप हैं।

इस बारे में जब एक पत्रकार ने जेलर से बात किया तो उन्होंने सिर्फ इतनी कहा कि  इस मामले में वे उस बंदी रक्षक से स्पष्टीकरण लेंगे, फिर आगे की कार्रवाई करेंगे। लेकिन सवाल है कि जब बैठकी फीस में सबका हिस्सा होता है तो स्पष्टीकरण के आधार पर सभी को कैस सजा देंगे?

क्या होती है बैठकी?

जेल में बंद कैदियों को काम से बचाने के लिए बैठकी नाम का रिश्वत का नियम चलता है। इस नियम के मुताबिक जेल में किसी कैदी को काम न करना पड़े, इसके लिए जो घूस दी जाती है उसे बैठकी कहते हैं। यह मुलजिम की हैसियत, अपराध की प्रवृति आदि देख कर तय होती है। अगर कोई देने से इंकार रता है तो बंदीरक्षक उससे जेल में अति मेहनत का काम लेते है और तरह तरह का उत्पीड़न करते हैं। यह अधोषित कानून पूरे प्रदेश की जेल में लागू है। कहा तो यहां तक जाता है कि इसमें जेल के अधिकारी का भी हिस्सा होता है।यही कारण है कि आज तक बैठकी लेने के आरोप में किसी जेल के  केसी भी जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुयी।

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