यूपी में समाज का हर वर्ग भय के माहौल में जी रहा है- आफताब आलम

September 30, 2018 4:14 PM0 commentsViews: 308
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। वर्तमान केन्द्र और प्रदेश की सरकारें भय की राजनीति कर रही है। इस दौर में समाज का हर वर्ग डरा हुआ है। गरीब को चूल्हे की फिक्र है। जवान नौरियों को लेकर भयभीत है किसान उपज के दाम को लेकर चिंतित है।  आम आदमी पुलिस के जंगलराज से भयभीत है। ऐसे में समाज का हर आदमी इस सरकार को हटाने के लिए फैसला कर चुका है। आपको भी इस यज्ञ में आहुति देनी होगी।  

उक्त बातें बसपा लोकसभा प्रभारी और पार्टी के घोषित प्रत्याशी आफताब आलम उर्फ गुड्डू भैया ने रविवार को कपिलवस्तु विधानसभा क्षेत्र में जनसम्पर्क के दौराऩ हरनी, बंगरा, हर्रैया, नादेपार आदि गांव में उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि जब राजधानी में एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक त्रिपाठी को सड़क पर गोली मारी जा सकती है, तो आम आदमी की बिसात ही क्या है।

बसपा प्रभारी आफताब आलम ने इन सभाओं में कहा कि देश में पूंजीपति जनता का पैसा लूट कर विदेश भाग रहे हैं। प्रदेश के गाजियाबाद में जितेन्द्र यादव को पुलिस ने मार डाला, अलीगढ़ में दो मुस्लिम मजदूरों को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया। परसों रात में राजधानी लखनऊ में एप्पल के एरिया मैनेजर को विवेक त्रिपाठी को सडक पर पुलिस वालों ने गोली मार दी। वास्तव में यूपी में जंगल राज है। जिसमें जनता का कोई वर्ग सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि जब सरकारें गूंगी और बहरे की भूमिका में आ जायें तो लोकतंत्र में जनता को वोटिंग के माध्यम से अपनी सरकार को अपनी व्यथा बतानी चाहिए।

आफताब आलम ने कहा कि अंधेर नगरी की तरह यहां के राजा अर्थात मुख्यमंत्री जी किसानों को सलाह दे रहे हैं कि डायबेटिक के मद्देनजर किसान अब गन्ना न बोये। उन्होंने कहा कि ऐसी सलाह किसानों के साथ क्रूर मजाक है। आफतब आलाम ने कहा कि इस सरकार के राज में नौकरी और रोजगार के अवसर समाप्त हो चुके हैं। नारी असूरक्षित है। डीजलए पेट्रोल व रसोई गैस ने मध्यवर्गीय परिवारों का जीना हराम कर रखा है। ऐसे में किसानों की तबाही ने जनाक्रोश और बढ़ा दिया है।

कार्यक्रम में आफताब आलम के अलावा पी. आर. आजाद, त्रिलोकी नाथ, तिवारी, श्यामाचरन गौतम, प्रेम नारायण सिंह, सुरेन्द्र मिश्रा, मनोज मिश्रा, दिनेश चन्द्र गौतम, शमीम अहमद, राजाराम लोधी, धनश्याम गौतम, रामगति वरुण, रामशंकर मौर्या, अमरेश पाल यादव, नन्हे पाण्डेय, दीपचन्द्र वरुण, वीरचन्द्र पासवान, चुन्नीलाल, जुगुलकिशोर पासवान, रघुनाथ पासवान, बाबूलाल चौधरी, मृत्युन्जय तिवारी, दिलीप चन्द्र, प्रयाग नाथ, शिवपूजन, सीताराम, राजकुमार, सन्तराम, चीनक प्रजापति, राजमन कन्नौजिया, बृजमोहन गौतम आदि शामिल रहे।

 

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