सोशल डिस्टेंसिग और सेनेटाइजिंग ही कोरोना से बचने का सुरक्षित तरीका- डा. भाष्कर शर्मा

May 16, 2020 11:56 AM0 commentsViews: 367
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अजीतसिंह

“कोरोना वायरस को लेकर जहां दुनिया भर में खौफ है.  जैसे-जैसे कोरोना दुनियाभर में फैलता जा रहा है, वैसे-वैसे इसको लेकर तमाम तरह के भय और भ्रांतियां भी सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रही हैं। इसमें से कुछ सच हैं तो कुछ कोरे अफवाह। हालात यह है कि जितने मुंह, उतनी बातें। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के इस दौर में ये सब तेजी से फैल रहे हैं, जो इस महामारी के बीच फैले हुए डर, अनिश्चितता और उहापोह की स्थिति को और बढ़ा रहे हैं।“

आम आदमी कोरोना वायरस को लेकर जुड़ी बातों को आसान शब्दों में जानना चाहता है. इसी मकसद से  समाचार पत्र ने  गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित सैकड़ों विश्व  रिकॉर्ड  धारी व सैकड़ों पुस्तकों के लेखक प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा के साथ खास बातचीत की. कोरोना वायरस को लेकर सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले  सवालों को हमने डॉ शर्मा के सामने उठाया.

सवाल — कोरोना वायरस का टेस्ट कैसे किया जाता है?

डॉक्टर भास्कर शर्मा—  कोविड-19 टेस्ट में गले की खराश या फिर नाक की एक स्वैब के जरिए जांच की जाती है। सैंपल लेने के बाद, नोडल अस्पतालों में तैनात डॉक्टर जांच करते हैं कि क्या व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है या नहीं? नहीं तो आपको घर पर ही आइसोलेट रहने के लिए कहा जा सकता है। यदि टेस्ट पॉजिटिव आते हैं, तो ठीक होने तक संक्रमित व्यक्ति को कम से कम 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन यानी एकांत में रहने की आवश्यकता हो सकती है।

सवाल— क्या एल्कोहल मिले पानी (सैनीटाइजर) से कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ा जा  सकता है?

डॉक्टर शर्मा—  जी हाँ! लेकिन उस सैनीटाइजर में एल्कोहल की मात्रा 65 पर्सेंट से ज़्यादा होनी चाहिये तभी यह उस पर चढ़ी सुरक्षा-परत को पिघला सकता है, वरना नहींl

सवाल- किस तरह का माहौल कोरोना वायरस के लिये फायदेमंद है और किस तरह के माहौल में वो जल्दी विघटित होता है?

डॉक्टर शर्मा कोरोना वायरस क़ुदरती ठण्डक ए.सी. की ठण्डक में मज़बूत होता है। इसी तरह अंधेरे और नमी (Moisture) वाली जगह पर भी ज़्यादा देर तक बाक़ी रहता है। यानी इन जगहों पर जल्दी विघटित नहीं होता। सूखा, गर्म और रोशनी वाला माहौल कोरोना वायरस के जल्दी ख़ात्मे में मददगार है।* इसलिये जब तक इसका प्रकोप है तब एसी या एयर कूलर का इस्तेमाल न करें।

सवाल – कोरोना को लेकर एक बात यह भी कही जा रही है कि यह बुजुर्गों और बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है? 

डॉक्टर शर्मा—  ऐसा नहीं है, कोरोना सभी उम्र के लोगों के लिए उतना ही खतरनाक है, जितना बच्चों और बुजुर्गों के लिए, हालांकि बच्चों और बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता युवाओं से कम होती है, इसलिए उन पर इसका असर अधिक देखा जा रहा है। यही कारण है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या में बुजुर्गों की संख्या अधिक हैlबुजुर्गों-बच्चों के अलावा कोरोना रोगियों खासकर अस्थमा मरीजों के लिए कोरोना अधिक खतरनाक है। इसलिए उन्हें अधिक एहतियात बरतने की जरूरत होती है।

सवाल-सूरज की तेज़ धूप का कोरोना वायरस पर क्या असर पड़ता है?

डॉक्टर भास्कर शर्मा— सूरज की धूप में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें कोरोना वायरस को तेज़ी से विघटित कर देती है यानी तोड़ देती है क्योंकि सूरज की तेज़ धूप में उसकी सुरक्षा-परत पिघल जाती है। इसीलिये चेहरे पर लगाए जाने वाले फेसमास्क या रुमाल को अच्छे डिटर्जेंट से धोने और तेज़ धूप में सुखाने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसके अलावा डॉ भास्कर शर्मा का कहना है कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि किसी व्यक्ति की इम्युनिटी पॉवर कितनी मजबूत या कमजोर है। जिन दो प्रमुख वर्ग के लोगों में इसके संक्रमण की आशंका ज्यादा है वे या तो बुजुर्ग हैं या अंडरलाइंग मेडिकल कंडिशन ( underlying medical conditions – डायबिटीज, हार्ट डिसीज, फेफड़ों की बीमारी आदि) वाले हैं। जो लोग बुजुर्ग हैं और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले हैं, उन्हें COVID-19 के संक्रमण से लड़ने में परेशानी होगी। जिन लोगों में पहले से ही एक अंडरलाइंग मेडिकल कंडिशन जैसे हार्ट डिसीज, डायबिटीज, या से पीड़ित लोगों में गंभीर लक्षण पैदा करने वाले संक्रमण का खतरा अधिक है। इन अंडरलाइंग मेडिकल कंडिशन वाले लोगों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली नहीं होती है, जिसके कारण यह संक्रमण से नहीं लड़ सकते हैं। हालांकि, आपको युवा और स्वस्थ होने पर भी आपको सभी जरूरी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

सवाल –  आम आदमी को क्या बुनियादी सावधानियां बरतनी चाहिए?

डॉ भास्कर शर्मा—  सबसे अहम है एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमण रोका जाए. इसका मतलब है कि जितनी ज्यादा बार आप अपने हाथ धोएंगे, उतना ही इस चक्र (साइकल) को तोड़ने में मदद मिलेगी. अल्कोहल आधारित हैंड-रब को हमेशा तैयार रखना चाहिए और इस्तेमाल करना चाहिए.

सवाल – खांसी और छींक से भी संक्रमण एक अन्य मुद्दा है?

डॉ भास्कर शर्मा- इसके लिए बेहतर हाइजिन (साफ-सफाई) का ध्यान रखना जरूरी है.

सवाल -कोरोना से बचने के उपाय क्या उपाय है

डॉक्टर भास्कर शर्मा हाथों को बार-बार साबुन से धोएं या एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंl खांसते और छींकते वक्त टिशू का इस्तेमाल करें और इस्तेमाल करने के बाद इसे तुरंत फेंक दें। अपने आंख, नाक और मुंह को ना छुएं। लेकिन अगर ऐसा करना जरूरी है तो छूने से पहले और छूने के बाद अपना हाथ जरूर धोएं या उसे सैनिटाइजर से साफ करें।कोशिश करें कि किसी भी सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में ना जाएं।कुछ भी खाने से पहले हाथ को अच्छे से साबुन या हैंडवाश से धुलें। धुलने का समय कम से कम 30 सेकेंड का होना चाहिए।

सवाल -इस कोरोना महामारी में होमियोपैथी की क्या भूमिका हो सकती है? 

डॉक्टर भास्कर शर्मा— समय-समय पर महामारी आती रही है होम्योपैथी अपना दम हमेशा दिखाया हैl होम्योपैथी सैद्धांतिक रुप से रोगी में जीवनी शक्ति को बढ़ाती है रोग से लड़ने के लिए प्रेरित करती है l आर्सेनिक 30 शक्ति होम्योपैथी औषधि दो गोली दिन में तीन बार लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है lइसके अलावे कैंफर 1M शक्ति दिन में दो बार लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती हैl

 

 

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