खाद की के लिए दर-दर भटक रहा किसान, प्रशासन को कोई फिक्र नहीं

September 8, 2018 12:57 PM0 commentsViews: 505
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निजाम अंसारी

शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ तहसील में यूरिया का जबरउस्त संकट उत्पन्न हो गया है। स्थानीय  बाजारों से खाद की बोरियां गायब हो गई है। किसान यूरिया के लिए भटक रहा है। साधन सहकारी समितियों के गोदाम भी खाली हो गए हैं। अच्छी बारिश होने के बाद किसानों के चेहरे खिल गए थे। अब खाद नहीं मिलने से उन्हें मायूस होना पड़ रहा है। जिनके पास यूरिया उपलब्ध है वह मौके का फायदा उठाने से नहीं चूक रहे है। यूरिया के साथ जिंक का पैकेट भी बेच रहे है।

ध्यान रहे कि धान की बालियां फूटने के तैयार होने लगी है। स्थानीय स्तर पर अधिकतर साधन सहकारी समितियां सूखी है। खाद के लिए लाइन लगाने के बाद किसान निराश लौट रहे हैं। मजबूर किसानों के पास फसल बचाने के लिए इकलौता रास्ता प्राइवेट दुकानों से खाद खरीदना पड़ रहा है। ईपीओएस व्यवस्था लागू होने के बाद प्राइवेट दुकानों पर भी किसानों को अंगूठे की छाप देने का नियम लागू जरूर है, लेकिन उन्हें प्रिंट रेट से अधिक मूल्य पर खाद दी जा रही है।

इसी का परिणाम है कि सप्ताह भर से प्राइवेट दुकानों पर से अचानक खाद गायब हो गई। अगर किसी दुकान पर यूरिया खाद है भी तो वह भी मौके का फायदा उठा रहा है। दुकानदार यूरिया के साथ दो पैकेट जिंक भी किसानों को लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं। खाद की किल्लत पैदा होने लगी है। इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी सीबी सिंह ने कहा कि अगस्त में लक्ष्य के सापेक्ष यूरिया का आवंटन हुआ था। सितंबर के लिए जिले को पांच सौ मिट्रिक टन यूरिया आवंटित है। समितियों में जल्द खाद आ जाएगी। अधिक दर पर खाद बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बताते चलें कि भले ही कस्बों और गाओं के चौराहों पर स्थिति दुकानदार ये कह रहे हों कि यूरिया नहीं है पर कस्बा स्थित डिस्ट्रीब्यूटर और सुब फ्रैंचाइज़ी के गोदाम यूरिया से भरे पड़े हैं और सुनियोजित तरीके से इनको नेपाल में या सेटिंग के आधार पर महंगे दामों पर ही बेचा जा रहा है जिसकी रोकथाम करना प्रसासन के लिए जरूरी है नहीं तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है

क्षे़त्र के युवा नेता आलोक त्रिपाठी, सूरज तिवारी,मनोज चन्द,परितोष पांडे, सत्यप्रकाश यादव, ब्रह्मजीत दुबे, सत्यराम दुबे, आशीष तिवारी,हनीफ अहमद,यूसुफ,सुजीत सिंह प्रधान संजय राय,प्रधान कृष्णा पांडे, दिवाकर दुबे, बंटू तिवारी, मुन्ना हाशमी आदि ने प्रशासन से यूरिया संकट दूर करने की मांग की है।

 

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