डुमरियागंजः चिनकू यादव के खिलाफ दो सियासी घरानों की दुश्मनी में वक्ती सुलह

October 3, 2015 5:28 PM1 commentViews: 797
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नजीर मलिक

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दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। इस पर अमल करते हुए डुमरियागंज के दो दिग्गज सियासी घरानों ने चार दशक की पुरानी दुश्मनी भूल कर वक्ती तौर पर सुलह कर लिया है। इन घरानों की पहली जरूरत सियासत के नये सितारे राम कुमार उर्फ चिनकू यादव का रास्ता रोकना है। इसके लिए दोनों फौजों के कमांडर चिनकू यादव की पत्नी और मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष पूजा यादव की शिकस्त का चक्रवयूह बनाने में एक साथ हो गये हैं।

डुमरियागंज की सियासत में दो बांकों की सियासी प्रतिदंदिता जग जाहिर है, जो अब विरासत के रूप में फल फूल रही है। सन 1970 के दशक में दोनों घरानों शुरू हुई सियासी वर्चस्व की जंग आज भी जारी है। मगर आज हालात कुछ ऐसे हैं कि दोनों को कुछ वक्त के लिए ही सही, सब कुछ छोड़ कर एकजुट होने को मजबूर होना पड़ा है।

वजह है, समाजवादी पार्टी में तेजी से बढ़ता चिनकू का कद। पिछले चुनाव में कमाल यूसुफ मलिक के समाजवादी पार्टी छोड़ने के बाद अदना कार्यकर्ता समझे जाने वाले चिनकू यादव का कद अचानक बढ़ गया। वह थोड़े वोटों से विधान सभा चुनाव हारे, लेकिन अपनी पत्नी पूजा यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में कामयाब रहे।

चिनकू की बढ़ती सियासी ताकत ही दोनांे घरानों की बेचैनी की वजह है। इनके बीच न कोई बैठक हुई, न वार्ता। लेकिन सियासी समझ दिखाते हुए दोनों ने जिला पंचायत के वार्ड नम्बर 22 से एक ही विचारधारा के दो अलग अलग प्रत्याशी को सपोर्ट दे रखा है। दोनों के झंडे अंबेडकरवादी हैं। जरूरत पर वोट ट्रांसफर  भी मुमकिन है। इसी वार्ड से जिला पंचायत अध्यक्ष पूजा यादव उम्मीदवार हैं। इसलिए कि आखिरी मकसद पूजा यादव को रोकना ही है।

डुमरियागंज की राजनीति को समझने वाले जानते हैं कि इन दोनो घरानों की एकता इलाके की बड़ी ताकत है। इसलिए इस बार पूजा यादव के लिए चुनौती काफी तगडी़ है। समाजवादी पार्टी में भी कई ऐसे नेता हैं, जिन्हें चिनकू की तरक्की नहीं सुहाती। इस मुहिम में अंदरखाने से ही सही, वो भी उसी घराने के साथ हैं।

22 नम्बर वार्ड पर सभी की निगााहें हैं। यहां से दोनांे घरानों का समर्थक प्रत्याषी जीतेगा या फिर चिनकू चक्रव्यूह का सातवां द्धार तोड़ पाने में सफल होंगे? इतिहास तो कहता है कि अभिमन्यु ।ने सातवें द्धार को तोड़ने के वक्त ही जान गंवाई थी।

  दूसरी तरफ चिनकू के समर्थक कहते हेैं कि इतिहास हमेशा बदलता है और नई इबारतें लिखता है। तो इस बार इतिहास दोहराया नहीं जायेगा, उसे बदला जायेगा। फिलहाल नजर रखिए, इस चुनाव के नतीजे डुमरियागंज की राजनीति में नयेे समीकरण तय करने वाले हैं।

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  • दादरी कांड: अखलाक की हत्या के आरोप में BJP नेता के बेटे (Vishal) समेत (Shivam) गिरफ्तार

    दादरी कांड: अखलाक की हत्या के आरोप में BJP नेता के बेटे (Vishal) समेत (Shivam) गिरफ्तार

    उत्तर प्रदेश के दादरी के बिसहाड़ा गांव में 29 सितंबर को हुई हिंसा के मुख्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से एक विशाल BJP नेता संजय राणा का बेटा है।
    नई दिल्ली, अक्टूबर 3 : उत्तर प्रदेश के दादरी के बिसहाड़ा गांव में 29 सितंबर को हुई हिंसा के मुख्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से एक विशाल BJP नेता संजय राणा का बेटा है।
    पुलिस के हत्थे चढ़ा दूसरा आरोपी शिवम है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने बीफ खाने की अफवाह के बाद भीड़ को उकसाकर मोहम्मद अखलाक नाम के शख्स की हत्या करवाई थी।
    इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार को यूपी के दादरी इलाके में मौजूद बिसहाड़ा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने 29 सितंबर को बीफ खाने की अफवाह फैलने के बाद भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारे गए अखलाक की फैमिली से मुलाकात की। हालांकि, केजरीवाल को गांव तक पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
    इससे पहले शनिवार की सुबह पुलिस ने ग्रामीणों के विरोध के बाद केजरीवाल के काफिले को गांव के बाहर ही रोक दिया था। पुलिस ने आप के नेताओं को एनटीपीसी के गेस्ट हाउस में भेज दिया था। हालांकि, बाद में केजरीवाल को अखलाक के परिजनों से मिलने की इजाजत दे दी गई।
    जहां गांव में उन्होंने अखलाक के परिजनों से मुलाकात की। इस बीच, लालू प्रसाद ने पूछा है- क्या हिंदू बीफ नहीं खाता? बता दें कि ग्रेटर नोएडा के बिसोहड़ा गांव में 50 साल के अखलाक के घर में बीफ रखे होने की अफवाह के बाद भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी।
    लालू ने क्या कहा?
    आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने कहा कि किसी भी तरह का मीट खाने से कई बीमारियां होती हैं। दादरी की घटना पर लालू ने कहा, ”लोगों को मांस खाने से बचना चाहिए। कई हिंदू तो भी बीफ खाते हैं।” लालू के इस बयान पर विवाद हो गया है। हालांकि, एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि बीफ से मेरा मतलब गोमांस नहीं था।
    आप नेता ने क्या कहा?
    दादरी में अखलाक के गांव न जाने देने पर केजरीवाल ने नाराजगी जताई है। केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कहा है, ” हमें पुलिस ने बाहर ही क्यों रोक दिया ? महेश शर्मा और औवेसी को क्यों जाने दिया गया, मैं शांति का समर्थक हूं और सिर्फ अखलाक के परिजनों से मिलना चाहता था।”
    आप नेता आशुतोष ने कहा, ”देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी यहां आना चाहिए। पीएम को पीड़ित फैमिली से मिलकर आंसू पोछना चाहिए। वे देश के लोगों को यह भरोसा दिलाएं कि अब कहीं भी किसी को भी अखलाक की तरह निशाना नहीं बनाया जाएगा। यहां के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।”

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