अध्यक्ष पद के उम्मीदवार सहित छात्रों पर लाठी चार्ज के बाद गोरखपुर यूनीवर्सिटी का चुनाव स्थगित

September 13, 2018 12:49 PM0 commentsViews: 691
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— प्रदेश की अब तक की सबसे जातिवादी सरकार है़-विधायक विनय शंकर तिवारी

— चुनाव तिथि घोषित करने की मांग को लेकर छात्र संगठनो का धरना, आंदोलन संभावित

अजीत सिंह

घायल अनिल दुबे छात्रों के बीच अपना दर्द बयान करते हुए

गोरखपुर। डीडीयू विश्वविद्यालय गोरखपुर में छा़त्रसंघ चुनाव के स्थगन और अध्यक्ष पद किे उम्मीदवार अनिल दुबे पर हुए बर्बर अत्याचार को लेकर पूर्वांचल के छात्रों में गम और गुस्से का माहौल है।इसके खिलाफ छा़त्र आंउोलित होना शुरू हो गये हैं। कई टिप्पणी कारों की नजर में यह राजनीति में ठाकुर बनाम ब्राहमण संघर्ष के रूप में भी देखा जा रहा है। इस मुद्दे पर क्षेत्र के बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी खुल कर सामने आ गये हैं। उन्होंने प्रेस कान्फॅ्रेंस कर अमिन दुबे के साथ हुए अत्याचार की खुल कर भत्सना की है और पूरे मामले की सरकार से जांच की मांग की है।

बताया जाता है कि दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव 13 सितम्बर को तय था। प्रचार अपने आखिरी दौर में था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार रंजीत सिंह सहित पूरे पैनल की हालत कमजोर दिख रही थी। अचानक 11 सितम्बर को युनिवर्सिटी में दो गुटों में झड़प हो गई। आरोप है कि अभाविप के लोगों ने अध्यापको से दुर्व्यवहार किया। अध्यक्ष पद सशक्त उम्मीदवार अनिल दुबे को जम कर मारा पीटा गया। अनिलदुबे का कहना है कि उन पर पुलिस के सहयोग से अभाविप के गुंडों ने हमला किया। इसके बाद चुनावी हिंसा का सहारा लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुनाव को स्थगित कर दिया। बता दें कि गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी का गृहनगर है।

छा़त्र संगठनों ने की घटना की निंदा

बताया जाता है कि इस घटना की पूर्वांचल के छात्रों में कड़ी प्रतिक्रिया हुई। बड़हलगंज, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज के अनेक छा़त्र संगठनों ने चुनाव को स्थागित करने और अनिल दुबे पर हमले की निंदा की है। उन संगठनों का कहना है कि सरकार छात्रों का आक्रोश देख कर डरी हुई है। युवाओं बीच अपनी घटी लोकप्रियता को भांप कर सरकार अब छात्र युवाओं के उत्पीड़न पर उतर आई है। गबोरखपुर में चुनाव की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी के टात्र और युवा मिल कर धरना भी दे रहे हैं।

इस बारे में युवा नेता आलोक त्रिपाठी कहते हैं कि छात्र हितों की लड़ाई एकजुट होकर लड़ी जायेगी। आशीष तिवारी, प्रणव द्धिवेदी शुभम ने दम इस घटना को सरकार का तानाशाही की ओर बढ़ता कदम बताया तो छात्रनेता सूरज तिवारी ने कहा कि अब इस सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ना ही होगा।

इससे बड़ी जातिवादी सरकार प्रदेश में अब तक नहीं बनी- विधायक

अनिल दुबे की पिटाई पर गोरखपुर जिले के चिल्लूपार के बसपा विधायक विनय शंकर त्रिपाठी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस सरकार में एक जाति विशेष के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। प्रदेश में आज तक इससे बड़ी जातिवादी सरकार नहीं देखी गई।

यहां आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में विधायक विनय तिवारी ने कहा कि इस सरकार में अनिल दुबे पर बर्बर हमला देख कर अंगेजी राज याद आ गया। जिस प्रकार मुख्यमंत्री के शहर में अभाविप के लोगों गुरुजनों से दुर्व्यवहार किया और पुलिस ने लाठी गुरुजनों का बचाव कर रहे छात्रों पर लाठी चाार्ज किया वह बेहद शर्मनाक है। उन्होंने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।

 

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