फिरकापरस्त और रजनीतिक ठगी करने वालों की हार है गोरखपुर उपचुनाव का नतीजा- विनय शंकर

March 15, 2018 4:47 PM0 commentsViews: 476
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अजीत सिंह

गोरखपुर: तीस साल  बाद गोरखपुर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की करारी हार से प्रसन्न चिल्लूपार से बहुजन समाज पार्टी  के विधायक विनय शंकर तिवारी ने कहा है कि यह सांप्रदायिक शक्तियों, विकास के नाम पर ठगने वालों और गरीब मजलूमों को धोखा देने वालों की हार है। विधायक विनय तिवारी चुनाव परिणाम के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कहा कि सपा-बसपा का यह गठबंधन आने वाले वक़्त में और मजबूत होकर निखरेगा तथा देश बांटने वाली शक्तियों को आगे भी करारी शिकस्त देगा।

उन्होंने कहा कि जनता को  धर्म की ओट में पाखंडवाद और राजनीतिक ठगी करने वालों को पहचानने में वक्त तो जरूर लगा, मगर खुशी है कि उसने सच को पहिचान लिया। श्री तिवारी ने कहा अब से गोरखपुर में में राजनीतिक बिगाड़ को सुधारने की शुरआत होगी और धार्मिक सौहार्द्र की मजबूती को नई दिशा मिलेगी।

यह पूछने पर कि भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ल और केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल से व्यक्तिगत सम्बन्ध होने के बाद भी हाता परिवार के लिए इस चुनाव में सपा का समर्थन करना कितना मुश्किल रहा  जवाब में श्री तिवारी ने कहा कि जब बात दलीय सिद्धांतों की हो तो व्यक्तिगत सम्बन्ध नहीं देखे जाते। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन लोगों ने पार्टी द्वारा समर्थित प्रत्याशी को जिताने के लिए दिन रात एक कर दिया था और आज उसका नतीजा सबके सामने है।

उन्होंने कहा कि बसपा का हर कार्यकर्ता घर-घर में पहुंच चुका था। भाजपा इस चुनाव को केवल और केवल प्रशासन धांधली के माध्यम से ही जीत सकती थी। भाजपा ने इसके लिए कोशिश भी की लेकिन कामयाब नहीं हो पायी और यही कारण है कि उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।

हालाकिं विधायक तिवारी ने सपा-बसपा के गठबंधन के भविष्य पर बोलने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में क्या होगा क्या नहीं उसका फैसला पार्टी की मुखिया बहन मायावती को करना है और उनका जो भी फैसला होगा वो पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए शिरोधार्य होगा।

विनय शंकर तिवारी ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अभी तक कुछ भी ऐसा नहीं किया जिसको वो गिना सके। उन्होंने कहा कि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गढ़ में ही भारतीय जनता पार्टी की हार इस बात को दर्शाती है कि लोग सत्तधारी दल से कितने नाराज हैं।

 

 

 

 

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