डुमरियागंजः चिनकू और कमाल खेमे के बीच सपा में चल रही जुबानी जंग, तटस्थ खामोश

March 29, 2016 8:10 AM1 commentViews: 1455
Share news

नजीर मलिक

qqqqqqqqqqqqqq

सिद्धार्थनगर। विधायक कमाल यूसुफ मलिक को समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिए जाने पर डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र उनके और सपा नेता चिनकू यादव के समर्थकों के बीच आरोपों प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है। यह जंग चौराहों, मीडिया और सोशल मीडिया में जम कर लड़ी जा रही है।

कमाल युसुफ के नाम की घोशण के बाद मीडिया में कुछ बयान आये, जिसमें विधायक को टिकट मिलने पर उन्हें दलबदलू करार देते हुए, उनका टिकट बदलने की मांग की गई। ऐसे सारे चेहरे चिनकू यादव के समर्थक थे। जवाब में कमाल यूसुफ के समर्थकों ने भी मोर्चा खोल दिया।

ताजा बयान सपा महिला सपा की जिला सचिव झिनका देवी का है, जिन्होंने विधायक पर दल बदलते रहने का आरोप लगाते हुए उनका टिकट नहीं बदलने पर पार्टी छोड़ने तक की धमकी दी है। सपा नेता अंजुम कद्र उर्फ राजू तलेरा, दिलीप पांडेय आदि ने भी विधायक पर ऐसे ही आरोप लगाये हैं।

दूसरी तरफ सपा नेता अजय कुमार, अहमद हुसैन आदि ने मलिक कमाल यूसुफ की मुलायम सिंह यादव के साथ लंबी सियासी पारी का जिक्र करते हुए कहा है कि जो लोग पार्टी के फैसले का विरोध कर रहे हैं, दरअसल वह समाजवादी न होकर एक नेता विशेष के समर्थक हैं।
जहां तक डुमरियागंज में बडे़ सपा नेताओं का सवाल है, वह फिलहाल खामोश हैं। ऐसे बयान सिर्फ छुटभैये नेताओं द्धारा ही दिये जा रहे हैं।

चिनकू की ताजा रणनीति

जहां तक चिनकू यादव का सवाल है, उन्होंने अभी तक पार्टी लाइन के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। वह अपने समर्थकों को विश्वास दिला रहे हैं कि वह जल्द ही विधायक का टिकट बदलवा कर अपनी उम्मीदवारी सुनिश्चत करा लेंगे। उनके वर्कर भी इसे इलाके में जम कर प्रचारित कर रहे हैं।

खबर है कि चिनकू ने इस प्रकरण में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर अपना पक्ष दिया है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनकी बात को सकारात्मक ढंग से सुना है।

कमाल यूसुफ की ताकत

जहां तक कमाल यूसुफ का सवाल है, वह एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं। उन्हें पता है कि समाजवादी पार्टी को जिले में एक बडे़ अल्पसंख्यक चेहरे की तलाश है। पार्टी ने संतकबीर नगर, बस्ती व सिद्धार्थनगर में किसी मुस्लिम चेहरे को टिकट नहीं दिया है।
इसलिए पार्टी उनका टिकट काट कर कोई नया जोखिम लेने को तैयार न होगी। समाजवादी पार्टी में उनके तमाम पुराने और प्रभावशाली साथी भी हैं। इसलिए वह टिकट को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है।

जहां तक तटस्थ नेताओं का सवाल है वह पार्टी के प्रति पूरी तरह से ईमानदार हैं। एक तटस्थ सपा नेता का कहना है कि उन्हें कमलायुसुफ या चिनकूं यादव के नाम में कोई दिलचस्पी नहीं हैं। पार्टी के सिंबल से जो मैदान में रहेगा, सच्चे समाजवादी उसके साथ तन तन धन से जुटेंगे।

1 Comment

Leave a Reply