शर्मनाक: अखिलेश सरकार के अफसर इस तरह बांटते हैं गरीबों को कंबल

December 24, 2015 6:13 PM0 commentsViews: 642
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नजीर मलिक

सत्तर साल के गरीबों को ओढाने के बजाए उकडू बैठ कर कंबल वितरण का अमानवीय दृश्य

सत्तर साल के गरीबों को ओढाने के बजाए उकडू बैठा कर कंबल वितरण का अमानवीय दृश्य, जरा सोचिए आप सबǃ

भारत की संस्कृति में दाता कभी भिक्षा देने वाले को भी अपमानित नहीं करता। लेकिन इसी भारत की अफसरशाही सरकारी योजनाओं को इतने अपमानजनक तरीके से लागू करती है, मानों वह बनी ही है गरीब के अपमान और उत्पीड़न के लिए।

ताजा मिसाल सिद्धार्थनगर जिले के बांसी तहसील की है। जहां दो दिन पहले तहसीलदार ओम प्रकाश गुप्ता और नायब तहसीलदार केशरी नंदन त्रिपाठी ने ग्राम तिलौली-तिलौला में बेहद अपमानजनक तरीके कंबल वितरण किया। जिसे देख इंसानियत भी शर्मसार हो उठी।

कंबल लेने वाले सभी गरीब और मजबूर थे, इसलिए उन्हें वह सब कुछ करना पड़ा, जो दोनों साहबों ने आदेशित किया। कंबल वितरण की फोटो संवेदनहीनता और बेशर्मी की नमूना है।

कपिलवस्तु पोस्ट ने इन तस्वीरों से अनुमान लगाया है कि कंबल पाने वाले गरीबों की औसत उम्र 70 साल के हैं। सात डिग्री सेल्सियस की भीषण ठंड में उन गरीबों के पास ठंड से बचने के कपड़े तक नहीं हैं।

होना तो यह चाहिए था कि साहेब लोग उन्हें सम्मान के साथ कंबल ओढ़ाते, लेकिन नहीं इससे उनके बड़प्पन पर आंच आती। लिहाजा उन्हें उकड़ू बैठाया गया और उनके कंधों पर कम्बल रखे गये। अफसरों को बताना चाहिए कि यह किस तरह का अहंकार है?

तहसीलदार साहब का कंबल वितरण का यह तरीका शिष्टाचार और प्रशासनिक आचार दोनों के खिलाफ है। सपा नेता खुर्शीद आलम ने कहा है कि जिलाधिकारी को इस प्रकार के अमानवीय आचरण पर रोक लगानी चाहिए।

बताते चलें कि कंबल वितरण के लिए जिले की पांच तहसीलों को 5 लाख की दर से 25 लाख रुपये शासन ने दिये हैं, जिनमें 20 हजार कंबल खरीदा जा सकता है। लेकिन क्या वाकई इतने कंबल वितरत होंगे, यह सवाल भी लोग उठा रहे हैं।

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