पति ने भाजपा की निष्ठा से सेवा की, उसकी विधवा के सामने भूख मरने की नौबत

October 19, 2018 1:10 PM0 commentsViews: 862
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— कन्हैया की मौत के बाद फीस न जमा कर पाने के कारण बच्चों को स्कूल प्रबंधन ने निकाल दिया

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। कन्हैया जायसवाल भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता थे। पिछली एक सितम्बर को उनकी एक सरकारी वाहन से हुई दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई। परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है। उनकी विधवा मालती जायसवाल अपने दो मासूम बच्चों को लेकर दर दर की ठोकरें खा रही है। शासन, प्रशासन और भाजपा के विधायक/सांसद सभी खामोश हैं। घर में खाने के लाले हैं। बच्चे का नाम स्कूल से काट दिया गया है। कोई मदद करने वाला नहीं है। यह तो वैसे ही है कि जब रोम जल रहा था तो नीरो वंशी बजा रहा था। आज मालती को मदद की बेहद जरूरत है।

जिले के ब्लाक मुख्यालय जोगिया उदयपुर निवासी 33 वर्षीय कन्हैया जायसवाल भाजपा के प्रतिबद्ध कार्यकर्ता थे। दो साल पहले किस तरह उन्होंने जोगिया में ही खाद की छोटी सी दुकान खोली थी। जिससे उनके छोटे से परिवार का भरण पोषण होता था। लेकिन शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। 1 सितम्बर को पैरा मिलेट्री फोर्स एसएसबी के वाहन से कुचल कर उनकी मौत हो गई और उनका परिवार बेसहार हो गया।

कन्हैया की पत्नी मालती जायसवाल बताती है कि पति की मौत पर उनके घर आये भाजपा नेताओं ने उन्हें मदद का पूरा अश्वासन दिया। क्षेत्रीय संसद ने मुआवजा और नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया। प्रशासन ने भी मदद का वादा किया, मगर अब तक कहीं से कोई मदद नहीं मिली, अब तो परिवार के भूखे मरने की नौबत आ रही है। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी व्यथा के बारे में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

आज मालती के सामने बड़ी समस्या है। उनके ऊपर अपनी 70 वर्षीया बूढ़ी सास, दो छोटे बच्चों की परवरिश की समस्या है। खबर है कि बच्चों की फीस न जमा हो पाने के करण कन्हैया के दोनों बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया, दूकान बंद पड़ी है अब घर में खद्यान्न की समस्या है। पड़ोसियों की मदद के सहारे किसी मरह घर की गाड़ी खिसक  रही है, लेकिन यह कब तक चलेगा?

अनीता जायसवाल रोती हुई कहती हैं पति ने जीवन भर भारतीय जनता पार्टी की सेवा किया, लेकिन आज उसके संकट काल में पार्टी और सरकार के लोग उनकी सुधि नहीं ले रहे। उनके बिलखने पर उनके दोनों बच्चे 8 साल का बेटा और साल की बेटी भी रोने लगते हैं और फिर वह कुछ कहने की हालत में नहीं रहतीं। अब तो ऊपर वाला ही इनकी कोई मदद कर सकता है।

 

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