परम्परा के खिलाफ ‘शुरू हुआ कपिलवस्तु महोत्सव, निकला समारोह का जनाजा, बुद्ध को बाद में याद करेंगे

December 25, 2017 4:32 PM0 commentsViews: 1044
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। बुद्ध की क्रीड़ास्थली पर मनाया जाने वाला कपिलवस्तु महोत्सव शुरू हो गया। मगर इस बार न बुद्ध भूम पर बुद्धम शरणम गच्छामि का उद्घघोष हुआ न ही कपिलवस्तु स्थित मुख्य रूतूप पर पूजन हुआ। पिछले २६ सालों की परम्परा तोड़ कर सीधे सांसकृतिक मेले की शुरआत हुई। स्तूप पूजन २९ दिसम्बर को होगा। यानी जिस बुद्ध के नाम पर जिले में इतना बड़ा सांस्कृतिक मेला लग रहा हैए उसके स्तूप पूजन की सुधि बाद में ली जाएगी।


मुख्यालय के अशोक मार्ग पर आयोजित महोत्सव का पांडाल भव्य थाए कड़के की ठंड में लोग ११ बजे पहूंच भी गये थे, लेकिन मंत्री चेतन चौहान ने लगभग साढ़े तीन बजे महोत्सव का उद् घाटन फोता काट कर किया। इसके वाद उन्होंने मेला स्थाल पर तमाम स्टालों का निरीक्षण भी किया। हालात इतने अफरा तफरी भरे रहे की चार बजे तक मंत्री जी बतौर मुख् अतिथि संम्बोधन भी नहीं कर पाये।

समाचार लिखे जाने तक इटवा के विधायक सतीश द्धिवेदी बोल रहे थे। अभी जिले के कई विधायकों ए सांसद जगदम्बिका पालए मंत्री जय प्रताप सिंह के बाद मुख्य अतिथि व प्रभारी मंत्री को बोलना है। इस बीच के सारे प्रोग्राम का अता पता नहीं है।

कुल मिला का कपिलवस्तु महोत्सव का पहला दिन अव्यावस्था की भसेंट चढ़ गया। राजनीतिज्ञों को साधने में प्रशासन ऐसे व्यस्त हुआ की कार्यक्रम की मूल भावना ही नष्ट हो गई। अब दूसरे दिन के कार्यक्रम का इंतजार है। जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू ने तो कार्यकम को भव्य बनाने की रूप रेखा बनाई थी, लेकिन उनके सलाहकारों और प्रशासनिक, जिम्मेदारों ने उद्घाटन समारोह का जनाजा ही निकाल दिया।

 

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