exclusivr- गोरखपुरः गठबंधन हुआ तो महाराजगंज लोकसभा सीट से विपक्ष हो सकता है अजेय

March 29, 2018 5:06 PM0 commentsViews: 1522
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर से सटी हुई महाराजगंज लोकसभा सीट पर भाजपा कठिनाई में फंसती दिख रही है। अगर गठबंधन हुआ तो वह उस सीट को अरसे बाद भाजपा से छीना जा सकता है। इस सीट पर अब तक भाजपा का दबदबा रहा है। इस बार संभावित उम्मीदवार गणेश शंकर पांडेय की चुनौती तगड़ी है।

भाजपा का अभेद्य किला है महाराजगंज

महाराजगंज लोकसभा सीट से भाजपा लगातार कई टर्म से जीतती आ रही है। पूर्वांचल में गोरखपुर शहर के बाद  यह सीट भाजपा का सबसे बड़ा गढ़ मानी जाती रही है। जिले के लड़ाकू नेता हर्षवर्धन सिंह ने हालांकि भाजपा के लिए कई बार चुनौती पेश की मगर वे एक बार को छोड़ कर भाजपा का यह किला कभी भेद न सके। इसका कारण वहां भाजपा नेता पंकज चौधरी का पिछड़ा वर्ग से होना था। इसके साथ ही विपक्ष के वोट बंटते रहते थे।  मगर इस बार वही समीकरण संयुक्त विपक्ष के हक में दिखार्द दे रहा है। समीकरण बदले दिख रहे हैं।

नया समीकरण भाजपा कोनया संकेत दे रहा है

जैसा कि लगभग तय है, गठबंधन होने पर यहां से बसपा नेता और विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय ही उम्मीदवार होंगे। गणेश पांडेय पिछले चुनाव में भाजपा के पंकज चौधरी से करीब 80 हजार वोटों से हारे थे। उस वक्त सपा और कांग्रेस ने मिल कर तकरीबन 3 लाख वोट हासिल किये थे। अगर तीनों मतों को एक कर दिया जाये तो गठंधन की वर्तमान बढ़त तकरीबन सवा दो लाख वोट की बनती है।

ये है वोटों की गणित

महाराजगंज सीट पर सर्वाधिक तीन लाख दलित मतदाता है। इसके बाद मुस्लिम मतदाता है, जिनकी तादाद तकरीबन ढाई लाख है। यादव और ब्राहमण मतदाताओं की संख्या दो दो लाख है। इस इसके अलावा सपा बसपा के एक होने पर कुछ अति पिछड़ा वर्ग के वोट जुटते हैं। ऐसे में इस सीट पर 17 लाख वोटरों में गठबंधन के पक्ष में 10 लाख वोटों का समीकरण बन रहा है।

यहां यह बताना होगा कि महाराजगंज के चुनाव में धन की भी भमिका है। पंकज चौधरी अर्थिक रूप से बहुत मजबूत उम्मीदवार माने जाते हैं। उनके मुकाबले अन्य तमाम उम्मीदवारों में केवल गणेश पांडेय ही ठहरते हैं। उनके साथ पूर्वांचल के महत्वपूर्ण शख्सियत और पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर की भी पूरी शक्ति लगेगी। गणेश शंकर पांडेय श्री तिवारी के भांजे हैं। जाहिर है कि इस बार मराजगंज सीट पर दो दिग्गजों की सीधी लड़ाई रोचक ही नहीं रोमांचक भी होने की उम्मीद है।

 

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