24 घंटे बाद भी नहीं मिली मां बेटे की लाश, कहां के रहने वाले थे यह भी पता नहीं लगा सकी पुलिस

September 14, 2017 2:20 PM0 commentsViews: 1283
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नजीर मलिक

नेट फाइल फोटो

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सिद्धार्थनगर। बांसी स्थित राप्ती नदी के पुल से अपने 9 साल के बेटे को नदी में फेंकने के बाद खुद भी नदी में छलांग लगाने वाली महिला की लाश वारदात के 24 घंटे बाद भी बरामद नहीं हो सकी है। वो तां बेटे कहां के रहने वाले थे और उनकी खुदकुशी की वजह क्या थी, इस बारे में पुलिस को कोई जाानकारी नहीं मिल सकी है।

  क्या था मामला?

प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो कल बुधवार दोपहर लगभग 1 बजे हरे रंग की साड़ी और ब्लाउज पहने 28 साल की एक युवती अपने 9 साल के बच्चे के साथ  बांसी में राप्ती पुल पर आयी। बच्चा जींस की पैंट और छींटदार टी शर्ट में था। पुल पर युवती ने बच्चे को गोद में उठाया और ऊफनाती राप्ती की धार में फेंक दिया। लोग जब दौड़ कर युवती के करीब पहुंचते, इससे पूर्व ही युवती भी पुल की रेलिंग पर चढ कर नदी में कूद गई और लोगों के देखते देखते मां बेटे नदी में विलीन हो गये। हालांकि इस दौरान वहीं के एक मल्लाह ने नदी में कूद कर दोनों को पकड़ने की कोशिश भी की, मगर वह नाकामयाब ही रहा।

हालात बताते हैं कि वह आसपास की रहने वाली थी
युवती द्धारा पहले अपने बच्चे को नदी में फेंकने के बाद खुद के कूद जाने से पता चता है कि वह घर से मरने का फैसला कर के निकली थी। और उसके दिमाग में राप्ती नदी का पुल था। दर्जनों लोगों के सामने उसने जिस प्रकार घटना को अंजाम दिया, उससे पता चलता है कि उसे पुल पर लगे रेलिंग और पुल पर सौ पचास लोगों के हर वक्त मौजूद रहने की रहने की जानकारी थी। इससे लगता है कि युवती आस पास की रहने वाली थी और उसे बांसी की भौगोलिक स्थित का पूरा ज्ञान था।

क्या हो सकती है खुदकुशी की वजह

जिन हालात में युवती ने बेटे को नदी में फेंका और खुद भी नदी में कूदी उससे पता चलता कि उसे जीवन से  कोई लगाव नहीं था। मगर उसकर अपने जिगर के टुकड़े को नदी में फेंकना साबित करता है कि उसका दुख कुछ इस प्रकार का था कि उसके मरने पर बेटे का भविष्य खराब होने का खतरा था। सो उसने बेटे को मारना भी  जरूरी समझा। आम तौर से ऐसी घटनाओं के पीछे पति का अवैध संम्बंध होता है।  दूसरे प्रकार के उत्पीड़न में महिलांए खुद को तो मारती हैं, मगर वे अपने बच्चे को मारने से परहेज करती हैं।

पुलिस की लापरवाही अक्षम्य

इस पूरे प्रकरण में बांसी पुलिस की भूमिका बेहद शर्मनाक है। दस लोमर्षक घटना की सूचना मिलने के बाद के बाद बांसी कोतवाली से दो सिपाही मौके पर गये और कुछ लोगों से हालात की जानकारी लेकर चले आये। इसके बाद बांसी पुलिस ने न तो तां बेटे का शव तलाशने की कोशिश की न ही उनक पता ठिकाना ढूंढने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस अभी भी यदि तनिक प्रयास करे तो घटना से पर्दा उठना असंभव नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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