गये थे बहन की डोली उठाने, मगर देना पड़ा बेटे की अर्थी को कंधा

June 13, 2019 11:26 AM0 commentsViews: 1947
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—जिला पंचायत सिद्धार्थनगर के प्रशासनिक अधिकारी अर्जुन सिंह के घर सदमे का माहौल

नजीर मलिक

स्व.रणजीत सिंह

सिद्धार्थनगर। प्रकृति भी कभी कभी बहुत क्रूर मजाक कर जाती है। जिला पंचायत सिद्धार्थनगर के प्रशासनिक अधिकारी अर्जुन सिहं के घर पर बहन की डोली उठाने की तैयारी चल रही थी, मगर उससे पहले उनके जवान बेटे की अर्थी उठ गई। 19 साल के रणजीत सिंह की मौत नदी (नहर) में डूबने से हुई। इस घटना से उनके गृहनगर के साथ सिद्धार्थनगर मुख्यालय पर भी शोक की लहर छाई हुई है। जिला पंचायत सिद्धार्थनगर में तैनात  प्रशासनिक अधिकारी अर्जुन सिंह कस्बा तुर्कपटृी, जिला कुशीनगर के रहने वाले हैं।

बताया जाता है कि प्रशासनिक अधिकारी अर्जुन सिंह के बहन की गत 11 जून मंगलवार को शादी थी। जिसके लिए वह पूरे परिवार सहित अपने गृहनगर तुर्कपट्टी [कुशीनगर] गए हुए थे। शनिवार को अचानक उनके छोटे बेटे रणजीत सिंह ने घर से कुछ ही दूर पर स्थित अपनी एक रिस्तेदारी में निकला। रणजीत ने नरिजनों को बताया कि वह दिन डूबने तक लौट आयेगा। लेकिन रण्जीत सिंह दिन डूबने तक क्यूं नही आया, सूरज अस्त होने से पहले रणजीत सिंह का जीवन समाप्त होने की खबर जरूर आ गई।

कैसे हुई रणजीत की मौत

इस बारे में तुर्कपट्टी से लौटे जफर उर्फ पप्पू मलिक और हरपाल सिंह भाटिया ने बताया कि रणजीत सिंह अपने रिस्तेदारी में थे। गर्मी के कारण वह साढ़े चार बजे गांव के बाहर बनी नहर में नहाने के लिए निकल गया। उनके मुताबिक रणजीत नहाते वक्त स्वंय को पानी में संभाल न सके और विशाल नहर में डूब गए। बाद में उनकी लाश निकाली गई।

तुर्कपट्टी में कोहराम

लगभग साढ़े पांच बजे जब ये खबर तुर्कपट्टी पहुंची तो अर्जन सिंह और उनके परिवार में मातम छा गया। उनकी पत्नी, बड़ा बेटा व बेटी दहाड़ें मारते हुए मूर्छित होने की स्थिति में पहुंच गए। सबसे दुख ये था कि मंगलवार को घर में मृतक रणजीत की बुआ अर्थात अर्जुन सिंह की बहन की शादी थी, जिसकी तैयारियां हो रही थीं। अधिकांश रिश्तेदार भी आ चुके थे। अत्यंत दुखद प्रस्थितियों में रणजीत सिंह का रविवार को अंतिम संस्कार किया गया।

इन हालात में घर में शादी की औपचारिकता कैसे पूरी हो यह एक बड़ा सवाल था। शादी टालने की भी बात हुई मगर लोगों के समझाने पर मंगलवार को बिना बारात के दूल्हा व उसके परिजन आए और सादगी से विदाई हो गई। अभी बेटे की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि बहन की डोली विदा करने जैसा कठिन काम करते समय तुर्कपट्टी के सारे नागरिकों की आंखे नम थी। इस घटना से सिद्धार्थनगर में भी शोक का माहौल है। जिला पंचायत कर्मियों सहित तमाम लोगों ने प्रशासनिक अधिकारी अर्जुन सिंह व उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की है।

 

 

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