मिलियेः अखलाक के हत्यारोपी रवि की विधवा पूजा से, ‘जिसकी जिंदगी ‘नकली शान’ वालों से कई सवाल कर रही है’

January 20, 2018 1:34 PM0 commentsViews: 895
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एस.  मलिक

नई दिल्ली। बहुचर्चित अखलाक हत्याकांड का एक चेहरा ऐसा भी है जो एक ऐसी विधवा की दास्तान बयां करता है जिसे पूरी जिंदगी बगैर शादी किये ही गुजारनी है। दरअस्ल यह विधवा अखलाक के हत्यारोपी रवि की है, रवि को जेल में डेंगू हो गया था और उसके बाद उसकी मृत्यू हो गई थी। यह दास्तान बताती है कि बाहर से चमचमाता राजपुताना शौर्य भीतर से सड़ांध मारता है जहां औरतों के लिए माहौल दमघोंटू है.

21 साल की विधवा पूजा सिंह पति के साथ सिर्फ एक साल रही और दो साल में विधवा हो गई. पूजा का पति रवि गाय की राजनीति भेंट चढ़ गया. वह दादरी का रहने वाला था. उसपर अख़लाक़ की हत्या का आरोप था. इसकी दोबारा शादी नहीं हो सकती क्योंकि राजपूतों के वहां विधवा हो जाने पर औरत को दोबारा शादी करने का अधिकार नहीं है.

नकली शान बर्बाद कर रही जिंदगियां

अगर कोई विधवा सोच भी ले शादी के बारे में तो राजपूतों की नकली आन बान शान उसे ऐसा करने से रोक देती है. इसकी सास निर्मला ने बीते साल मुझसे कहा था कि हम ऊंची जाति के लोग हैं, कैसे करें शादी? बीते रोज टीवी पर वरिष्ठ पत्रकार शेष नाराण सिंह ऐसे ही किसी नकली राजपूत को घुड़कते हुए अपनी बहन के बारे में बता रहे थे जिसकी 14 साल में शादी कर दी गई और वो 18 साल में विधवा हो गई.

मगर कम उम्र की विधवाएं फर्ज़ी राजपुताना शान के चलते दोबारा अपन घर नहीं बसा सकतीं. घुट-घुटकर ज़िंदगी काटती हैं हर रोज़. पूजा सिंह उन लोगों के लिये भी एक सवाल है जो रानी पद्मावती के नाटकीयता को सच मानकर उसके जौहर पर इतराते हैं. क्या ये राजपूत क्या इस लड़की को रोज़-रोज़ की घुटन से बाहर निकाल सकते हैं?

 

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