मुख्यमंत्री के दौरे से पहले समाजवादी छात्र सभा के दो युवा नेता हिरासत में लिए गए

April 2, 2018 4:55 PM0 commentsViews: 1055
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नजीर मलिक

फरहान खान और मोनू दूबे को हिरसत में लेकर जाती पुलिस

सिद्धार्थनगर। ज़िले की पुलिस ने समाजवादी छात्र सभा के दो युवा नेता फ़रहान अहमद ख़ान और इंजीनियर मोनु दूबे को हिरासत में ले लिया. रविवार शाम की गई इस कार्रवाई के बाद दोनों युवा नेताओं को ढेबरुआ थाने में रखा गया. ज़िला पुलिस को आशंका थी कि दोनों युवा नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे पर अपने चुभते सवालों से बदमज़गी पैदा कर सकते हैं. मुख्यमंत्री की सभा के बाद आज उन्हें रिहा गिया गया। 

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समाजवादी पार्टी के युवा  नेता फ़रहान अहमद ने कपिलवस्तु पोस्ट से ख़ास बातचीत में सिद्धार्थनगर पुलिस की इस कार्रवाई को बेशर्मी क़रार दिया. उन्होंने कहा सिद्धार्थनगर की पुलिस डुमरियागंज में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्ति तोड़ने वालों को क्यों नहीं पकड़ पाई? ये सवाल हमें मुख्यमंत्री से पूछना था लेकिन इससे पहले हमें हिरासत में ले लिया गया.

फ़रहान ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में अगर ये सवाल उठाता तो सरकार के साथ-साथ सूबे की पुलिस की भद्द पिट जाती. मगर इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है कि आख़िर बीजेपी की सरकार आने के बाद से अचानक राज्य में बाबा साहेब आंबेडकर की मूर्तियों पर हमले क्यों शुरू हो गए और सूबे की पुलिस हमलावरों को पकड़ पाने में नाक़ाम क्यों है?

रविवार की शाम जब फरहान को हिरासत में लिया गया तो वो अपने विधानसभा क्षेत्र डुमरियागंज के एक गांव का दौरा कर रहे थे. गांव से निकलकर वो अपने साथी और छात्र सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष इंजीनियर मोनू दुबे के घर पहुंचे. फरहान ने बताया कि तभी स्थानीय पुलिस ने उनकी घेराबंदी शुरू कर दी और दोनों लोगों को हिरासत में ले लिया. फ़रहान ने कहा है कि राजनीतिक विरोधी हो या फिर कोई देश का आम नागरिक, सवाल पूछना उसका संवैधानिक अधिकार है और ऐसे लोगों को हिरासत में लिया जाना ग़ैरक़ानूनी है.

 

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