सपा में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मचेगा महाभारत, विपक्ष अंदरूनी कलह का फायदा उठाने की ताक में

November 4, 2015 11:32 AM0 commentsViews: 255
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नजीर मलिक

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सिद्धार्थनगर में समाजवादी पार्टी में जल्द ही जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर महाभारत की कवायद शुरू हो सकती हैं। कम से कम तीन दावेदारों में इसके लिए जोड़ तोड़ शुरू हो गई है। दूसरी तरफ विपक्षी दल सपा के अंदरूनी कलह का लाभ उठाने की ताक में लगा है।

जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए फिलहाल तीन चेहरे सामने आये हैं। संयोग से तीनों ही समाजवादी पार्टी से ताल्लुक रखते हैैं। विपक्ष से कौन होगा, इसका अनुमान फिलहाल मुश्किल है।

वार्ड नम्बर 38 से चुनाव जीत कर आयीं मंजू पासवान सदर विधायक विजय पासवान की पत्नी हैं। 42 नम्बर र्वाउ की विजेता शांतिदेवी पासी सपा नेता हैं। इसके पूर्व वह ब्लाक प्रमुख रह चुकी हैं। तीसरे दावेदार के रूप में वार्ड नम्बर 33 से जीत कर आये गरीबदास हैं।

मंजू पासवान और शांतिदेवी पासी जहां आर्थिक रूप से बेहद मजबूत और साधन सम्पन्न हैं, वहीं गरीबदास वाकई में गरीब हैं। लेकिन उन पर सपा नेता राम कुमार उर्फ चिनकू यादव का वरदहस्त है। इसलिए उन्हें संसाधनों की कमी नहीं खलेगी।

फिलहाल तीनों दावेदारों की ओर से किसी ने चुनाव लड़नेे की घोषणा नहीं की है, लेकिन उनके करीबियों के मुताबिक तीनों ही चुनाव ल़ड़ने के इच्छुक हैं, इसके लिए उनकी तरफ से पार्टी का उम्मीदवार बनने की कवायदें शुरू हो गई हैं।

खबर है कि विजय पासवान अपना पक्ष जल्द ही पार्टी आलाकमान के समक्ष रख कर अपनी पत्नी मंजू को प्रत्याशी बनवाने के लिए राजधानी कूच कर रहे हैं। दूसरी तरफ चिनकू यादव के कई सरपरस्तों ने पार्टी अलाकमान के पास अभी से गरीबदास के लिए लाबिंग शुरू कर दी है।

रही शांति देवी पासी की बात, तो विजय पासवान और चिनकू यादव के की विरोधी लाबी उनके समर्थन में है। लेकिन देखना यह है कि जिले के कदृदावर नेता और विधानसभा अध्यक्ष का झुकाव किधर होगा। माना जाता है कि उनकी रजामंदी ही जिले में सपा प्रत्याशी तय करायेगी।

विपक्ष इस बार कमजोर है। बसपा के तीन और भाजपा के नौ प्रत्याशी ही जीत कर आये है। 10 निर्दल भी हैं।इसलिए विपक्ष की सारी उम्मीदें सपा के अंदरूनी झगड़े पर टिकी हैं। विरोधी नेताओं का मानना है कि तीन में से दो दावेदार सपा प्रत्याशी नहीं बन पाने पर अपने वोट विपक्ष को दे सकते हैं।

फिलहाल कल क्या होगा, यह बाद की बात है। वर्तमान में सपा की अंदरूनी राजनीति गर्माई हुई है। तीनों दावेदारों के समर्थक अभी से जोड तोड़ में जुट गये हैं। तीनों का प्रयास विस अघ्यक्ष माता प्रसाद पांडेय का समर्थन हासिल करने का है, मगर श्री पांडेय जैसे गंभीर सियासतदान इतनी जल्दी अपने पत्ते खोलने वाले नहीं हैं। दावेदारों के लिए यह चिंता का सबब है।

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