डीएम साहब अपने लेखपाल को कर्तव्य याद दिलाइये या उसका दिमाग ठीक करिये

December 24, 2017 4:06 PM0 commentsViews: 1050
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नजीर मलिक

चन्द्रिका प्रसाद के बैनामाशुदा जमीन पर बना उनका मकान। जबकि लेखपल का कहना है कि वहां कुछ भी नहीं बना है।

सिद्धार्थनगर। उस्का बाजार ब्लाक के सरौली गांव में जमीन के एक खंड को उस्का बाजार के चन्द्रिका प्रसाद ने इन्द्र नारायन गर्ग से बयनामा खरीदा। वे उस पर काबिज भी हो गये। लेकिन सत्ता बदलते ही एक नेता ने साजिश कर उस भूखंड को सीलिंग में घोषित कराने के लिए खरिज दाखिल निरस्त करा दिया। हालांकि खरीदार का बैनामा व कब्जा  अभी बरकरार है।  दूसरी तरफ उसी नेता ने उसी इन्द्र नारायन गर्ग के रिश्तेदारों के नाम भूखंड को अवैध रूप से बेच कर उस पर खरीदारों का क्ब्जा भी करा दिया। जब चन्द्रिका प्रसाद ने सीएम योगी से इसकी शिकायत की तो वहां से जांच का आदेश हुआ  और इस पर लेखपाल ने रिपोर्ट दिया की वहां किसी भूखंड पर किसी का क्ब्जा नहीं है। जब कि भूखंडों पर बने मकान और उसमें रहने वाले लोग गवाह हैं कि उनका कब्जा बरकरार है। अब जिला कलक्टर को तय करना है कि ऐसे लेखपाल का दिमाग ठीक करेंगे या फिर उसे अपने क्षेत्र को चरागाह बनाने की खुली छूट देंगे।

यह फोटो उस अवैध ॽखातेदार का है. जिसे लेखपाल बताता है कि वहां कई कब्जा नहीं है।

सरैली के विशाल भूखंड को खरीदने से पहले चन्द्रिका प्रसाद ने प्रशासन को प्रर्थना पत्र देकर क्लीयरेंस ले लिया था कि उक्त जमीन सीलिंग में नहीं है। जिले के डीएम और तहसीलदार ने उसे जमीन के सीलिंग में न होने की बात स्वीकारी तब जा कर बैनामा हुआ। लेकिन 201`7 में योगी की सरकार बनते ही एक योगी समर्थक ने रूपया वसूलने के लिए उस जमीन का खारिज दाखिल कैंसिल करा दिया।

चन्द्रिका प्रसाद ने जब इसकी शिकयत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनसथ से की और गुहार लगाई की उसकी बैनामे की जमीन का खारिज  दाखिल जिस आदमी ने निरस्त कराई है, उसी आदमी ने कई जमीनों को अवैध को अवैध रूप से से मौखिक रूप से बेचा है। लेकिन वह सीलिंग घोषित नहीं कराया है। इसलिए सच जानने के लिए जांच जरूरी है।

 बताते हैं कि सीएम योगी ने इसे गंभीरता सें लेकर जांच का आदेश सिद्धार्थनगर डीएम कुणाल सिल्कू को दिया, जो इंडोर्स होते हुए बजरिये एसडीएम हल्का लेखपाल उमेश श्रीवास्तव के पास रिपोर्ट देने के लिए पहुंचा।  उमेश लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि किसी भूखंड पर किसी का कब्जा नहीं है। मने लेखपाल ने अपने स्तर से  नेता/ भूमाफिया को क्लीनचिट दे दी। 

इसके बरअक्स सच्चाई यह है कि चन्द्रिका प्रसाद  के बैनामाशुदा भूखंड (खाता संख्या   00035) पर कब्जे के बाद उन्होंने मकान भी बनाया है और उसमें स्थित आम के बागा को बेचा भी है, जिसका दस्तावेजी सबूत भी है। यही नही अवैध रूप से बेचे गये भूखंडों पर भी लगभग  दो दर्जन मकान बने हैं। लेकिन लेखपाल उमेंश श्रीवास्तव का कहना है कि किसी भूमि पर किसी का कब्जा नहीं है।

 

लेखपाल सवालों के घेरे में

बैनामेदार चन्द्रिका प्रसाद और मौखिक खरीदारों की जमीन सीलिंग में है या नहीं है, इसका फसला तो अदालत करेगी, लेकिन अगर  वस्तु स्थिति की जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने मांगी है, तो लेखपाल उमेश श्रीवास्तच ने असनी हालत को क्यों छुपाया , यह  बड़ा सवाल है।   जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू को इसे संज्ञान में लेना होगा और सच्चाई की तह तक जाना होगा, वरना न्याय का गला घोट देंगे लेखपाल साहब। इसलिए कुछ करिए डीएम साहब।

  

 

 

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