Big news– शिवपाल यादव ने अखिलेश से नाता तोड़ा, नई पार्टी का एलान, मुलायम हो सकते हैं अध्यक्ष

January 31, 2017 5:16 PM0 commentsViews: 1237
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अब्बस रिजवी 

 

mulayam-akhilesh-shivpal

लखनऊ। आखिर शिवपाल यादव ने आज नयी पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि 11 मार्च के बाद अलग पार्टी बनायेंगे। जसवंत नगर से नामांकन के बाद उन्होंने रूंधे गले से यह एलान किया। इस बड़े राजनीतिक घटना क्रम से सपा को भारी झटका लगने की आशंका है। इस खबर से सपा में खलबली मची हुई है।

आज जसवंत नगर में नामांकन के बाद  विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए शिवपाल यादव काफी  भावुक हो गए। उन्होंने आंसुओं बीच जनसभा में ऐलान किया कि 11 मार्च के बाद पार्टी बनायेंगे। उन्होंने से भी कहा कि अब बर्दाश्त की हद हो गई है। बता दें कि लोकदल अध्यक्ष सुनील सिंह ने मुलायम सिंह को लोकदल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का ऑफर दिया था, हालाँकि मुलायम सिंह यादव ने सुनील सिंह की बात नहीं मानी।

जनसभा में शिवपाल यादव ने कहा है कि मुलायम सिंह यादव उनके साथ हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष से हटाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने रहने देना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं किया गया।
मुलायम हो सकते हैं अध्यक्ष

सूत्रों के अनुसार नयी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मुलायम सिंह यादव ही उनकी पसंद होंगे। शिवपाल यादव ने हालाँकि पार्टी के नाम और राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इसकी घोषणा नहीं की है। लेकिन मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाये जाने से शिवपाल यादव आहत दिखे।इटावा में इस घोषणा से अखिलेश के प्रति लोगों में नाराजी है।

 भरी आंखों से शिवपाल ने जिक्र किया कि उन्होंने अखिलेश से कहा था कि मुलायम सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने दो, लेकिन अखिलेश नहीं माने। उन्होंने कहा कि नेता जी के खून पसीने से सींची गई समाजवादी बगिया आज साजिशन पतझड़ का शिकार हाे गई। अब हमें नया बागीचा बनाना ही पड़ेगा, यह मजबूरी है।

क्या होगी अगली रणनीति

पूर्वा उत्तर प्रदेश में दो फरवरी से नामांकन शुरू हो रहे हैं।  अगर शिवपाल गुट ने यहां की सीटों पर पैरलल उम्मीदवार उतर दिये तो सपा को लेने के देने पड़ सकते हैं। सपा की ताकत पूर्वी यूपी में पश्चिमी यूपी से ज्यादा है। शाम को स्थिति स्पष्ट होगी कि मुलायम सिंह और शिवपाल यादव का अगला कदम क्या होगा। बहरहाल अखिलेश यादव के लिए यह बेहतर नहीं होगा, यह स्पष्ट है।

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