शिवपाल यादव ने बनायी नयी सियासी पार्टी, सपा के लोगों को दिया न्यौता

August 29, 2018 2:20 PM0 commentsViews: 1399
Share news

— शिवपाल की नई राजनीतिक पार्टी का नाम “समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा” होगा

— मुलायम सिंह यादव के रुख को लेकर संशय कायम, शिवपाल गुट का दावा, नेता जी रहेंगे उनके साथ

एस.दीक्षित

लखनऊ। यूपी में एक बार फिर सियासी पारा गरमा गया है। मुलायम सिंह कि भाई और सपा के पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी में लगातार हो रही उपेक्षा के चलते अपनी अलग पार्टी बना ली है। नये संगठन का नाम समाजवादी सेक्युलर मोर्चा’ रखा गया है। इसकी घोषणा आज यहां करते हुए उन्होंने सपा के लोगों से इस संगठन में आने की अपील किया है। उन्होंने आज दोपहर 12 बजे नये संगठन की घोषणा किया है।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा में यूपी के छोटे-छोटे दलों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में जिन लोगों की उपेक्षा हो रही है, सभी हमारे साथ जुड़ कर काम करें। क्योंकि हम समाजवादी सिद्धांतों की ही राजनीति करेंगे। पुराने साथियों को साथ लेकर सघर्ष करने में आसानी होगी।

बता दें कि एक दिन पहले मंगलवार को पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बीच काफी देर तक बातचीत हुई थी। इस दौरान सूत्रों से बात उभरकर सामने आई थी कि दोनों के बीच सेक्युलर मोर्चा को लेकर बातचीत हुई है। ऐसे में बुधवार को शिवपाल यादव ने समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा का गठन करके इस बात पर मुहर लगा दी है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले यूपी में समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा के गठन ने सपा, बसपा और कांग्रेस के महागठबंधन की सांसें बढ़ा दी हैं।

शिवपाल समर्थक बोलेजरूररी था समाजवादी सेक्यूलर मोर्च का गठन

उधर, शिवपाल समर्थकों का मानना है कि राजनीतिक क्षेत्र में दखल बरकरार रखने के लिए समाजवादी सेक्यूलर मोर्चे का गठन जरूरी था। क्योंकि शिवपाल यादव को चुनाव की रणनीति बनाने में महारत हासिल है। चर्चा है कि इस मोर्चे में मुलायम सिंह भी रहेंगे। जो कि उत्तर प्रदेश में उपेक्षित और वंचितों को अपने साथ लाकर संगठन को मजबूती प्रदान करेगा। हांलांकि उनके रुख पर अभी संश बना हुआ है।

यादव परिवार में नहीं चल रहा सबकुछ ठीकठाक

उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव परिवार में काफी समय से सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा। इसका अंदाजा बीते दिनों ही लगाया गया था, जब शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव से बातचीत को लेकर कहा था कि उनकी चाचा-भतीजे के रिश्ते को लेकर कोई बातचीत नहीं होती है। वे अखिलेश यादव से सिर्फ सपा अध्यक्ष होने के नाते बातचीत करते हैं। इससे यह स्पष्ट हो गया था कि शिवपाल यादव के पुराने घाव अभी भरे नहीं थे.

सितंबर 2016 में पारिवारिक विवाद में शुरुआत

समाजवादी पार्टी में सितंबर 2016 में पारिवारिक विवाद की शुरुआत हुई थी.। क्योंकि उस समय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश को अपने भाई शिवपाल के साथ राज्य इकाई प्रमुख के रूप में बदल दिया था। इसके विरोध में अखिलेश ने चाचा शिवपाल और उनके सहयोगियों को मंत्रिमंडल से हटा दिया था और एक जनवरी, 2017 को आपातकालीन राष्ट्रीय बैठक बुलाई थी।  बैठक में अखिलेश को उनके पिता मुलायम सिंह यादव के स्थान पर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। उस दौरान चाचा शिवपाल ने पार्टी से किनारा कर लिया था।

 

 

Leave a Reply