अपनों की चिंता छोड़ कोरोना योद्धा बने डॉ. विवेक को धन्यवाद देने का फर्ज तो बनता ही है

July 1, 2020 2:32 PM0 commentsViews: 262
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— बुजुर्ग माँ की देखभाल कर रही हैं पत्नी, मोबाइल के जरिए ले रहे बच्चों का हालचाल

शिवप्रकाश श्रीवास्तव

महराजगंज। अपनों की चिंता छोड़ कोरोना योद्धा के तौर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने मिसाल पेश की है। व्यक्तिगत जिम्मेदारियों से इतर वह मरीजों व स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 से बचाव का तरीका बता रहे हैं। इतना ही नहीं कोरोना एवं टीबी के मिलते जुलते लक्षण की वजह से टीबी मरीजों के बारे में जानकारी भी एकत्र कर रहे हैं। डॉ. विवेक की बुजुर्ग माँ की देखभाल उनकी पत्नी कर रही हैं। मोबाइल के जरिये ही वह परिवार और बच्चों का हालचाल ले पाते हैं। अपने पेशे के प्रति पूरी तरह समर्पित डाँ विवेक के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करना हम सभी का फर्ज तो बनता ही है 

कोरोना से बचाव के प्रति डॉ. विवेक अपने सभी दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। कभी कोरोना मरीजों के इलाज में लगे चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण तो कभी टीबी रोगियों की खोज एवं काउंसिलिंग को लेकर वालंटियर्स को प्रशिक्षण देते रहते हैं।

       साथ ही कभी होटल कर्मियों को सावधानी बरतने के लिए प्रशिक्षित करते हैं। कोरोना मरीजों में लगे चिकित्सक जब क्वारंटीन किए जाते हैं तो उनके रहने खाने की व्यवस्था होटल में ही होती है। ऐसे में होटल स्टाफ को हर पहलुओं पर विशेष सावधानी बरतने के लिए प्रशिक्षण देते हैं। हालांकि कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए लगाए गए चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए आठ-आठ लोगों की दो टीम बनायी गयी है। लेकिन नोडल अधिकारी होने के नाते डॉ. विवेक अपनी जिम्मेदारी को लेकर सचेत दिखते  हैं।

        संचारी रोग के भी नोडल अधिकारी डॉ विवेक श्रीवास्तव जिला क्षय रोग अधिकारी भी हैं, ऐसे में वे टीबी रोगियों को भी लेकर सतर्क हैं, कारण की कोरोना एवं टीबी के लक्षण मिलते जुलते हैं ऐसे मैं उनके सामने एक बड़ी चुनौती हैं। टाइम मैनेजमेंट कर वह कोरोना संक्रमितों के साथ टीबी रोगियों को बचाने में जुटे हैं। डॉ विवेक बताते हैं कि 22 मार्च के बाद अब तक केवल एक दिन अपने प्रयागराज स्थित अपने घर जाकर परिवार का हाल चाल लिए।

     बकौल डॉ.  विवेक घर में बुजुर्ग माँ है, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी पत्नी के ऊपर छोड़ दिया हूँ, अब केवल मोबाइल के जरिए ही संपर्क हो पाता है। अब तो पहली से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान में लगना हैं। कोविड हेल्थ केयर फेसिलिटी पुरैना में तैनात सभी चिकित्सकों, स्टाफ नर्सों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को समय- समय पर प्रशिक्षित करने एवं उपचार की बारीकियों के बारें में बताने का भी दायित्व एसीएमओ  डॉ विवेक द्वारा निभाया जा रहा है।

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