Exclusive–जानिए! पूर्व मंत्री कमाल यूसुफ कैसे बनाये गये जिले के सबसे बडे़ भू–मफिया

August 6, 2017 5:06 PM0 commentsViews: 426
Share news

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। सरकारी मुहकमे का करिश्मा देखिए कि जिले के सबसे सीनियर नेता और पूर्व मंत्री मलिक कमाल यूसुफ सिद्धार्थनगर के सबसे बडे़ भू–मफिया बना दिये गये हैं। प्रशासन ने जारी अपनी सूची में इनका नाम अव्वल नम्बर पर रखा है। सपा के एक नेता राम कुमार उर्फ चिनकू यादव जिले के दूसरे ऐसे सियासतदान हैं, जो प्रशासन की नजर में भू–मफिया हैं। अब तो  जिले के किसानों, गरीबों को कमाल यूसुफ जैसे ‘भू–मफिया’ से डरना चाहिए। कौन जाने कब वह किसकी जमीन हडप लें

क्या किया कमाल यूसुफ ने?

कमाल यूसुफ मलिक ने अपनी संस्था मौलाना आजाद एजुकेशनल सोसइटी के तत्वावधान में डुमरियागंज ब्लाक के ग्राम बायताल में एक शिक्षण संस्थान की स्थापना कर रखा है। प्रारम्भ में इसके लिए उन्होंने अपनी १५ बीघा जमीन दी । साथ ही १४ हेक्टेयर जमीन ग्राम बायताल की भूमि प्रबधक समिति से पट्टे पर प्राप्त की गई।  पट्टे का अनुमोदन में प्रशासन ने उसी समय कर दिया। जमीन की पैमाइश न होने पर वे हाईकोर्ट गये जहां से कोर्ट ने पैमाइश करा कर उक्त जमीन पर स्कूल बनाने का निर्देश दिया। स्कूल बना और आज तक चल रहा है।

पिछले दिनों उस भूमि के बारे में शिकायत हुई की पूर्वमंत्री ने उक्त जमीन पर कब्जा कर रखा है। प्रशासन ने उस भूमि से कालेज का मालिकाना हक रद्द कर दिया। स्कूल के प्रबंधक फिर कोर्ट गये जहां से उन्हें स्टे मिल गया। मामला अभी कोर्ट में ही है। इसी बीच प्रशासन ने जिले की भूमफियाओं की एक सूची जारी की और मलिक कमाल यूसुफ  को उस सूची में पहले नम्बर पर डाल दिया।

 इन सवालों का जवाब कौन देगा

अब सवाल उठता है कि क्या पूर्वमंत्री माफिया के दायरे में आते हैं? माफिया कौन होता है, जो सरकारी या किसी की निजी भूमि दबंगई, जालसाजी और बलपूर्वक लेने का काम करता हो। पूर्वमंत्री कमाल यूसुफ इन तीनों श्रेणी में नहीं आते। मामला सीधा पट्टे की वैधता का है। अगर प्रशासन उसे गलत मानता है तो पट्टा कैंसिल कर सकता है। मात्र एक कानूनी विवाद को आधार बना कर वह किसी ऐसे शख्स को माफिया कैसे चिहित कर सकता है, जिनके ५० साल के राजनीतिक जीवन में कभी भूमि विवाद से काई वास्ता न रहा हो।

और अंत में

इस बारे में कमाल यूसुफ के बेटे इरफान मलिक का कहना है कि प्रशासन ने शासन को खुश करने के लिए यह खेल खेला है।प्रशासन भाजपा के राज में एक अल्पसंख्यक संस्था को परेशान कर उसकी नजर में अपनी गुडविल बनाना चाहता है। लेकिन हम कोर्ट में गये हुए हैं। कोर्ट इस पर फैसला करेगा। जबकि अपर जिलाधिकारी का कहना है कि शासन ने भू–मफिया चिन्हित करने के लिए जो १७ बिंदु भेजे हैं, उसी आधार पर यह फैसला लिया गया है।

 

 

Leave a Reply