पत्नी से दूरी और ताने के गम में राजन अपने तीन नौनिहालों को लेकर नदी में कूद गया

October 21, 2021 6:28 PM0 commentsViews: 1289
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— पारिवारिक कलह के कारण राजन ने तीनों बच्चों के साथ समाप्त कर ली अपनी जिंदगी।

निजाम अंंसारी

सिद्धार्थनगर। ढेबरुआ थाना क्षेत्र के खैरी ऊर्फ झुंगहवा में 38 वर्षीय एक  व्यक्ति अपने तीन बच्चों के साथ बूढ़ी राप्ती नदी में कूद कर जान दे दी। मृतक का नाम राजन पुत्र लल्लू है। उसके बेटों के नाम राज 7 वर्ष, पतलू 5 वर्ष और प्रेम 3 वर्ष बताये जाते हैं। बुधवार देर शाम घटी घटना का कारण पारिवारिक कलह बतायी जाती है। नदी में डूबे बाप और तीनों बेटों में से किसी की लाश अभी तक बरामद नहीं हो सकी है। घटना के बाद गांव में अफरा तफरी मची हुई है। फिलहाल सभी के शवों की तलाश के लिए स्थानीय गोताखोरों के साथ एनडीआरएफ के जवान लगे हुए हैं।

बताया जाता है कि बढ़नी क्षेत्र के खैरी ऊर्फ झुंगहवा गांव निवासी राजन पुत्र लल्लू बुधवार को सूरज ढलने के समय अपने तीन बेटों सात वर्षीय राज, पांच पर्षीय पतलू और तीन साल के मासूम प्रेम को घुमाने के बाहाने गांव के बाहर नदी की ओर गया। उस वक्त सूरज ढलने की ओर था। लोग बताते है कि जैसे ही अंधेरा बढ़ने लगा कि अचानक राज अपने तीनों बच्चों को लेकर नदी में कूद गया। नदी में इस वक्त काफी पानी है। जिसके कारण वह पानी के गहराई में चला गया।

राज के बच्चों के साथ नदी में कूदने की घटना संयोग से कुछ ग्रामीणों ने देखा और शोर मचाने लगे। कई ग्रामीण नदी में उतर कर भी देखा लेकिन अंधेरा होने के कारण कुछ पता न चला। पुलिस भी मोके पर पहुंची, वह भी पूछताछ कर गुरूवार सुबह कार्रवाई का आश्वासन देकर निराश लौट गई। गुरूवार सुबह घटना की जानकारी डुमरियागंज सांसद जगदम्बिका पाल को हुई तो उन्होंने मामले को गम्भीरता से लेते हुए जिला अधिकारी दीपक मीणा और पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह से बात कर डूबे हुए चारों लोगों की तलाश के लिए तत्काल एनडीआरएफ की टीम को खैरी ऊर्फ झुंगहवा गांव भेजने को कहा।

सासंद के निर्देश के बाद प्रशासन मुस्तैद हुआ और तत्काल एनडीआरएफ की टीम सुबह आठ बजे गांव में पहुंचकर बूढ़ी राप्ती में चारों मृतकों की तलाश में जुट गई। मौके पर सांसद प्रतिनिधी सूर्यप्रकाश पांडेय, एसडीएम शोहरतगढ़ शिवमूर्ति सिंह, सगीर चौधरी, ग्राम प्रधान दिनेश यादव, राकेश कुमार सहित सैकड़ो ग्रामीण घटनास्थल पर मौजूद रहे। मगर चारों लाशों का पता नहीं चल सका है। समाचार लिखे जाने तक टीमें पिता और बच्चों की लाशों को तलाशने में जुटी हुई थी।

घटना के बारे में बताया जाता है कि मृतक राजन और उसकी पत्नी के बीच लगभग 1 वर्ष से अनबन चल रही थी। राजन की पत्नी एक साल से अपने मायके में है। राजन ने उसे मनाने की कई बार कोशिश की, कितनी ही बार वह बच्चों को साथ लेकर गया कि शायद मां की ममता पसीज जाए मगर पत्नी को लाने में सफल न हो सका। गांव के राकेश कुमार बताते है कि वह पत्नी के गम में बुरी तरह टूटा हुआ था। तीन मासूमों के लालन पालन ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया था। अपना दर्द कम करने के लिए वह शराब में डूबने लगा। अन्ततः उसने एक दर्दनाक फैसला लिया और प्रतिदिन शाम को दारू में डूबने वाला राजन अपने बच्चों समेत बूढ़ी राप्ती की धार में डूबने का हृदस विदारक फैसला ले लिया और शाम को तीनों बच्चों को लेकर नदी में कूद गया।

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