वाहन दुर्घनाओं को लेकर जिले में 28 स्थल ‘डेथ स्पाट’ बने, पुलिस कर रही सुरक्षा के उपाय

April 23, 2022 12:49 PM0 commentsViews: 850
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चिन्ह्ति किए गए स्थानों पर बचाव के लिए पुलिस ने जिम्मेदार विभागों को जारी की सख्त एडवाइजरी, जनता से की नियम पालन की अपेक्षा

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर।जिले में बढ़ती मार्ग दुघर्टनाओं से चितित पुलिस विभाग उन 28 स्थानों की पहचान किया है जं अक्सर ही एक्सीडेंट होते रहते हैं। पुलिस की भाषा में इन स्थानों को ब्लैक स्पाट कहा जाता है,  जबकि यह वास्तव मे डेथ स्पाट होते हैं। पहलेलजले में कुल 11 स्पाट थे मगर याता बढ़ने तथा नये मार्गों के निर्माण के कारण इनकी संख्या मे 17 डेथ स्पाट का इजाफा हो गया है। पलिस इन स्पाटों पर एक्सीडेंट को रोकने के लिए नयेसिरे से प्रयास किये रहे हैं।

जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सीओ यातायात अखिलेश वर्मा ने जिले के सभी मार्गों का  पर्यवेक्षण किया। जिसमें 17 नए ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए। 11 ब्लैक स्पॉट पूर्व से भी चिन्हित थे। इस प्रकार जनपद में अब 28 ब्लैक स्पॉट हो गए हैं। यह वे स्थान हैं, जहां पर सड़क हादसे अधिक हो रहे हैं। ब्लैक स्पॉट वह स्थान कहलाता है, जहां पर तीन वर्ष में एक ही स्थान पर या तो पांच सड़क दुर्घटनाएं हुई हो अथवा उस स्थल की सड़क दुर्घटनाओं में कुल 10 लोगों की मृत्यु हुई हो।

जनपद के चिन्हित कुल 28 स्थलों पर तीन वर्ष में 160 से अधिक एक्सीडेंट हो चुके हैं। इसमें 90 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। उक्त स्थलों पर बार-बार दुर्घटनाएं होने के कारण सड़क के फुटपाथ का सड़क के बराबर ना होना, तीव्र मोड़ होना, लिंक रोड का मिलना तथा ओवर स्पीडिंग होना रहता है। इन 28 स्थलों में से मधवापुर मोड़, मड़वा मोड, परासिया, बिशुनपुर  के ब्लैक स्पॉट पर ही संबंधित विभाग द्वारा संकेतक बोर्ड व अन्य उपाय किए गए हैं। शेष 24 ब्लैक स्पॉट स्थलों पर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र के बोर्ड अन्य उपाय नहीं किए गए हैं।

 ऐसे में पुलिस विभाग द्धारा सभी 24 स्थलों पर दुर्घटना बहुल क्षेत्र के बोर्ड लगाने, गति सीमा बोर्ड लगाने, लिंक रोड पर स्पीड ब्रेकर बनवाने। कैट आई, सोलर ब्लिंकर सफेद पट्टी, जेबरा क्रॉसिंग तथा फुटपाथ को सड़क के बराबर कराए जाने के लिए पीडब्ल्यूडी अथवा एनएचआई संबंधित विभाग को पत्र लिखा जा रहा है। इस संबंध में एएसपी सुरेश चंद रावत ने बताया कि सड़क हादसों को रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट चिन्ह्ति किया गया है। संबंधित विभाग को बचाव के संबंधित बोर्ड आदि लगाने के लिए कहा गया है। याद रहे कि जिले में प्रतिवर्ष लगभग एक हजार लोग सड़क दुर्घना में ही हताहत होते हैं। इसलिए नागरिकों से अपेक्षा हैकि वह यात्रा के दौरान नियमों का पालन तो करें साथ ही मार्ग संकेतकों का भी ध्यान रखें।

 

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