गोवध का कथित मामला, सच्चाई क्या है? मामले का जल्दी पर्दाफाश करे पुलिस
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिला मुख्यालय से चार किमी दूर ग्राम बचड़ा बचड़ी में कथित गोहत्या की घटना का मृद्दा काफी संवेदनशील होता जा रहा है। गांव के करीब चल रहे एक भठ्ठे के मालिक जुबैर अहमद का नाम उछाले जाने के बाद से वह फरार है। भाजपा के एक विधायक और एक पूर्व विधायक बार बार कथित गोवध को लेकर जुबैर अहमद पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। दूसरी तरफ चिल्हया थाने की पुलिस जुबैर अहमद का नाम नहीं ले रही है। पुलिस का कहना है कि मामले में अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच में तथ्य के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी। तो सवाल है कि पूरी घटना का सच क्या है। इसका पर्दाफाश कब होगा?
इस प्रकरण को लेकर भाजपा विधायक शमधनी राही व पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह मंगलवार को ग्राम बचड़ी बचड़ा का दौरा किया और घटना पर कडी नाराजगी व्यक्त करते हुए जुबैर अहमद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। इस दौरान दोनों नेताओं ने साफ साफ आरोप लगाया कि पुलिस मामले में जुबैर को बचा रही है। पूर्व विधायक राधवेन्द्र सिंह का कहना है कि यदि पुलिस ने 24 घंटे में गिरफ्तारी नहीं की तो वे मामले को ऊपर तक ले जाएंगे।
जबकि कतिपय पुलिसकर्मियों का कहना है कि किसी भी घटना में किसी का नाम लेकर आरोप लगाने के बजाए तथ्य का होना जरूरी है। केवल जुबानी आरोप पर किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है। जांच में जो सच मिलेगा, पुलिस उसके आधार पर कार्रवाई करेगी। बहरहाल घटना में भाजपा नेताओं की दिलचस्पी से मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। इसलिए इस केस का सच बाहर आना जरूरी हो जाता है।
इस संदर्भ में पता चला है कि कथित तौर पर जिस जगह को घटना स्थल कहा जा रहा है वहां किसी जानवर के ताजा अवशेष नहीं मिले हैं। गांव के किसी व्यक्ति ने भी इस मामले में किसी के खिलाफ नामजद रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कराया है। ऐसे में सवाल उठता है कि भला जांच और सबूत के अभाव में कैसे किसी को गिरफ्तार किया जा सकता है।
इस बारे में चिल्हिया थाने के इंचार्ज और पुलिस इंसपेक्टर ने दुर्गा प्रसाद ने कहा कि पूरी घटना संदिग्ध प्रतीत होती है। फिर भी वह मुकदमा कायम कर मामले की जांच कर रहे हैं। जांच के तथ्य के आधार पर निश्चित कार्रवाई की जाएगी।
आरोप के मुताबिक 5 अप्रैल को राम जानकी मंदिर की गोशाला से गाय गायब हो गयी। दूसरे दिन गांव के पास बने भट्ठे के बाहर कच्ची ईंट पाथने वाले स्थान पर गोवंश के अवशेष बरामद हुए। घटना की सूचना गांव के मंदिर के पुजारी ने पुलिस को दी। जिसके बाद से छानबीन जारी है। वैसे क्षेत्र में इस मामले को संदिग्ध बताने वालों की कमी नहीं है। फिर भी जांच हुए बिना किसी को अपराधी ठहराना अथवा उसकी प्रतिष्ठा पर दाग लगाना कानून सम्मत नहीं है।