आज्ञाराम की मौत का रहस्य बरकरार, परिवार की खामोशी अपने आप में खुद रहस्य का विषय
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। आज्ञाराम की मौत का रहस्य लगता है रहस्य ही बन कर रह जाएगा। क्योंकि घटना के तीन दिन बाद भी परिवार के लोग खामोश हैं। वह सब इस मामले में पुलिस को कुछ भी नहीं बोल रहे है। दूसरी तरफ पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने के कारण विसरा जांच के लिए लेबरोटरी भेजा गया है। जबकि लाश के पास फैले खून के धब्बे से लोग हत्या की आशंका व्यक्त कर रहे थे। हालांकि मृतक के शरीर में किसी जख्म के निशान नहीं पाए गए हैं।
मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के रेहरा गांव निवासी 45 वर्षीय आज्ञाराम गांव से तीन किलोमीटर दूर गोल्हौरा थाना क्षेत्र के जिगनियावा चौराहे पर एक किराए के कमरे में कभी कभार रुकता था। घर से निकलने के तीन दिन बाद उसकी लाश मिली थी। मृतक के शरीर से बदबू आने लगी थी। लोगों के कहने पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। पुलिस के मुताबिक रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। उधर, परिवार के लोग लाश मिलने के चार दिन बाद भी खामोश हैं।
गांव के लोगों में चर्चा है कि परिवार इसलिए आगे नहीं आ रहा है कि वे लोग आज्ञाराम से नाखुश रहते थे। क्योंकि वह राजगीर मिस्त्री के रूप में कमाने के बाद भी अपने परिवार पर ध्यान नहीं देता था। कमाना और शराब पीना उसकी दिनचर्या थी। मरने से पूर्व आज्ञाराम ने जब खेत बेचना शुरू कर दिया तो घर वाले और नाराज हो गए। लोगों का यह भी कहना है कि परिवार भले ही नहीं आगे आ रहा है, लेकिन आज्ञाराम के साथ कुछ जरूर हुआ है, तभी उसकी जान गई है।
बताते चले कि पिछले सप्ताह आज्ञराम के किराये के उस कमरे से बरामद हुई थी जहां वह किराये पर रहता था। उसके शरीर पर चोट आदि किसी तरह के निशान तो नहीं थे, मगर उसके आसपास खून जरूर बिखरा था। जो दम घुटने पर आम तौर से नाक अथवा कान के सहारे बाहरनिकल जाता है। यहां उसकी नांक से खून निकला बताया जाता है। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह हैकि परिजन दसके मौत को लेकर खामोश क्यों हैं। मरने से पहले आज्ञाराम के पास खेत बेचं कर रखे हुए रुपये भी थे। इसलिए उसकी हत्या की अधिक आशंका है, मगर परिवार की रहस्मय खामोशी अपने आप में खुद रहस्य बनी हुई है।
इस संबंध में एसओ गोल्हौरा बालजीत राव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। इसलिए विसरा जांच के लिए भेज दिया गया है।