बिहार में बरामद एके़- 47 रायफल सिद्धार्थनगर की? मुकामी पुलिस छानबीन में जुटी

February 11, 2019 12:41 PM0 commentsViews: 2639
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नजीर मलिक

 

बिहार के बायसी थाने की पुलिस द्धारा बरामद रायफलें

” बिहार के पूर्एाया जिले की बायसी पुलिस ने यूपी के गोरखपुर जिले के एक युवक को गिरफ्तार कर उसके पास से तीन एके 47 रायफल बरामद किया है। इस खबर के आम होने के साथ ही सिद्धार्थनगर जिले की पुलिस सक्रिय हो गई है कि हाे न हो उनमें कोई सिद्धार्थनगर (यूपी) के इटवा थाने से चोरी गई रायफल भी न हो। अभियुक्त के पिपराइच निवासी होने से इस आशंका को बल भी मिलता है। इस खबर के बाद मुकामी पुलिस बिहार पुलिस से सम्पर्क कर छानबीन में जुट गई है”।

रायफलों के साथ पकड़ा गया पिपराइच निवासी सूरज

मालूम हो कि गत दिवस बिहार की पूर्णिया जिले की पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान गोरखपुर जिले के पिपरा बसंत (पिपराइच) निवासी सूरज और उसके दो साथियों को संदिग्ध जान कर पकड़ा। पूछताछ के दौरान उनके बताये स्थान से तीन एके सैंतालीस रायफल और ढेरों मा़त्रा में गोलियां बरामद कीं। इसकी जानकारी मिलते ही सिद्धार्थनगर पुलिस को आशंका हुई कि बरामद राइफलों में कहां इटवा से चोरी गई रायफल भी न हो। इस आशंका के मदेनजर वह फरन सक्रिय हो गई। सूरज के साथ पकडे गये उसके दो साथी नार्थ ईस्ट के निवासी बताये जाते है।

क्या मानती है मुकामी पुलिस?

इस बारे में मुकामी पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस समय बिहार अवैध असलहा व्यापार का प्रमुख केन्द्र बनस हुआ है। सिद्धार्थनगर गोरखपुर का करीबी जिला है। बहुत मुमकिन है कि चोरी की राइफल गोरखपुर ले जाई गयी हो, और वहां से बिहार भेज दी गई हो। पुलिस अभी सिर्फ आशंकाओं के आधार पर काम कर रही है। लेकिन उसे इसमें संभावना की उम्मीद नजर आ रही है।

क्या कहते है एसपी धर्मवीर सिंह

इस बारे में पुलिस अधीक्षक अभी ज्यादा खुल कर बातची नही कर रहे। उनका कहना है कि पुलिस को अभी पिपराइच के युवक के बिहार में पकड़े जाने की खबर मिली है। अब इस बारत की छानबीन करायी जा रही है कि क्या उन तीनों राइफलों में सिद्धार्थनगर पुलिस की चोरी गई रायफल भी है? इसका खुलासा होने के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकेगा।

इटवा थाने से चोरी गई थी रायफल

बताते चलें कि गत तीन फरवरी को निरीक्षण के दौरान इटवा थाने के शस्त्रगार से एक एके सैंतालीस रायफल गायब पाई गई थी। इसके बाद सिद्धार्थनगर पुलिस में हड़कंप मच गया था। पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने इस प्रकरण में उसी रात थाना इंचार्ज सहित पांच पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया था, मगर उसके दूसरे दिन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद से पुलिस की चार टीमें मामले की छानबीन में लगी हुई हैं।

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