कोड़रा ग्रांट कांडः अपने राजनीतिक मकसद को पूरा कर पाने में विफल रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव

May 20, 2022 12:33 PM0 commentsViews: 973
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पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने के लिए लाए गये चेक को न देने का फैसला आखिरी वक्त में क्यों लिया सुप्रीमो अखिलेश यादव ने?

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सिद्धार्थनगर दौरे को राजनीतिक तौर पर विफल कहा जाए तो गलत न होगा। दरअसल सपा अध्यक्ष बुधवार को सदर तहसील के ग्राम कोड़रा के टोला इस्लामपुर में एक महिला रौशनी पत्नी अकबर अली की कथित तौर पर पुलिस द्वारा हत्या कर दिये जाने की खबर पाकर मृतक परिवार से मिलने आये थे, मगर यहां आकर उन्हें पूर्ण निराशा ही हाथ लगी। क्यों कि पीड़ित पक्ष ने खुले तौर पर पुलिस पर कोई ठोस आरोप लगाया ही नहीं, जबकि घटना के दिन वही परिवार चीख चीख पुलिस को हत्यारा घोषित कर रहा था। बता दें कि अखिलेश यादव बुधवार शाम करीब चार बजे इस्लामनगर में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे, जहां 14 मई की रात एक महिला की पुलिस दबिश के दौरान गोली लगने से मौत हो गयी थी।

परिवार से मुलाकात के दौरान पड़ित पक्ष से वार्ता के दौरान मृतका रौशनी के परिजनों ने अखिलेश को पूरी घटना की जानकारी तो दी, मगर उन सभी ने पूर्व की भांति पुलिस पर गोली मारने के बजाये पुलिस और अन्य की भीड़ में से किसी के द्वारा गोली चलने की बात कही। जाहिर है कि पड़ित पक्ष या तो घटना के तत्काल बाद पुलिस पर झूठा आरोप गढ़ रहा था या बाद में पुलिस के दबाव में उसने अपना बयान बदल दिया। बाद में अखिलेश ने कहा कि भाजपा की सरकार में पुलिस हिरासत में मौत, फर्जी मुठभेड़ और उत्पीड़न की सर्वाधिक घटनाएं हो रही हैं। चंदौली की घटना कोई भूल नहीं पाया है। बेटी को पीट-पीट कर पुलिस वालों ने मार डाला और फांसी पर लटकाकर खुद को बचाने की कोशिश की। थाने में दरोगा महिला से रेप करते हैं। मामला दबाने की कोशिश की जाती है और जब नहीं दबा पाते तो जेल जाते हैं। इस्लामनगर की घटना पर उन्होंने कहा कि जिन पर आरोप हैं वही जांच कर रहे हैं तो न्याय कहां से मिलेगा। उन्होंने मांग किया कि हाईकोर्ट के मौजूदा जज की अध्यक्षता में जांच हो जिससे पीड़ित पक्ष को न्याय व दोषियों को सजा मिल सके।

इसलिए नहीं दिया चेक

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पीड़ित पक्ष के साथ है। उन्हें हर तरह की मदद दी जाएगी। मामला सदन में भी उठाएंगे। इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक माता प्रसाद पांडेय, विधायक सैयदा खातून, जिलाध्यक्ष लालजी यादव आदि मौजूद रहे। इतनी बड़ी घटना की खबर सुन कर खिलेश यादव जिस मंशा के साथ सिद्धार्थनगर आये थे वह पीड़ित पक्ष के रवैये के कारण पूरी न हो सकी। कहते हैं कि सपा अध्यक्ष पीड़ित परिवार की मदद के लिए चेक भी साथ लाये थे मगर उनका ढुलमुल रवैया देख कर सहायता चेक तक नहीं दिया। हालिकि उसकी पुष्टि कोई सपा नेता नहीं कर रहा है।

यह है पूरा मामला

इस्लाम नगर टोला में 14 मई की रात पुलिस दबिश के दौरान रोशनी पत्नी अकबर अली की गोली लगने से मौत हो गई थी। पड़ित पक्ष ने पहले तो पुलिस वालों पर सीधे गोली मारने का आरोप लगाया और रोशनी के पुत्र अब्दुल रहमान की तहरीर पर सदर थाने में पुलिसवालों के खिलाफ 15 मई को हत्या का केस दर्ज किया गया था। उसने आरोप लगाया कि उसकी मां को पुलिस वालों ने गोली मारी है। 16 मई को आईजी जोन ने प्रेसवार्ता में जितेंद्र यादव निवासी भीमापार को पेश कर बताया कि भीड़ में इसने गोली चलाई थी। उसे महिला की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। दूसरी ओर सदर थानाध्यक्ष तहसीलदार सिंह की तहरीर पर 100-150 ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस पर ईंट, पत्थर चलाने के आरोप में हत्या के प्रयास, 7 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट सहित कई अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया। पुलिस का कहना था कि गोकशी की सूचना पर टीम दबिश देने गई थी तभी पुरुषों व महिलाओं ने घेर कर हमला बोल दिया था। इससे अफरा-तफरी मच गई और पुलिस टीम वापस लौट गई, इसके बाद गोली चली।

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