डुमरियागंज कांडः विधायक के ड्राइवर व हिंदू युवा वाहिनी नेताओं सहित दस के खिलाफ मुकदमा
तूल पकड़ रहा पत्रकार फरूकी की पिटाई का मामला, जवाब में दूसरे पक्ष ने भी लिखाया तीन के खिलाफ मुकदमा
प्रेस क्लब की बैठक में एसडीएम को तत्काल हटा कर मामले की जांच की मांग, शासन के उच्चाधिकारियों ने संज्ञान लिया
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज में बेवा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बने एल टू कोविड अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद पत्रकार अमीन फारूकी की वहां मौजूद कुछ लोगों ने पिटाई कर दी। जब यह घटना हुई वहां एसडीएम त्रिभुवन प्रसाद, भाजपा विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह और सीओ मौजूद थे। घटना के कुछ देर बाद पुलिस अमीन फारूकी पर थाने लेकर आ गयी और करीब आठ घंटे तक लाकप में रखा। रात दस बजे के बाद उन्हें छोड़ा गया। इस मामले में कल प्रेस क्लब की बैठक में प्रस्ताव पारित कर एसडीएम को हटाने सहित जांच की मांग की गई। इसके बाद पीड़ित पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक को कई हियुवा नेताओं के खिलाफ एफआईआर के लिए नामजद तहरीर दी।
कौन-कौन हुए मुकदमें में नामजद
बताया जाता है कि सोमवार को सिद्धार्थनगर में प्रेस की बैठक कमें लिए निर्णय के बाद पीड़ित पत्रकार अमीन फारूकी की तरफ से एसपी सिद्धार्थनगर को तहरीर दी गई। इसके बाद देर रात विधायक राघवेन्द्र सिंह के ड्राइवर डब्ल्यू सहित दीपक श्रीवास्तव, लवकुश ओझा, सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, शंभू अग्रहिर, सुगंध अग्रहरि, चन्द्रभान अग्रहरि सहित अन्य आधा दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। दूसरी तरफ इसी मामले में दूसरे पक्ष से पत्रकार अमीन सहित तीन लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। बताया जाता है कि तहरीर में विधायक व एसडीम को शह देने वाला बताया गया था, मगर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।
बता दें कि पत्रकार अमीन फारूकी को गत दिवस बेवा हास्पीटल पर एक कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने जबरदस्त तरीके से पिटाई कर दी थी। इसका विडियों खूब वायरल हुआ था। पत्रकार का आरोप है कि उन्हें एसडीएम और विधायक के कहने पर विधायक के समर्थकों ने पीटा। एसडीएम कोविड-19 से एक गांव में आठ लोगों की मौत की खबर और लाॅकडाउन में कुछ विशेष दुकानों को रियायत देने की खबर से नाराज थे और उन्हें परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
एसडीएम और विधायक ने क्या कहा
गोरखपुर न्यूज लाइन के अनुसार भाजपा विधायक ने कहा है कि पत्रकार अमीन फारूकी का कुछ लोगों से विवाद हुआ और उसी को लेकर घटना घटी। उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं है। दूसरी तरफ एसडीएम डुमरियागंज त्रिभुवन ने भी यह कुछ लोगें की आपसी मारपीट बताते हुए खुद को इस मामले से परे बताया, जबकि उनकी सोशल मीडिया पर इलाज करने की कथित धमकी के स्क्रीन शाट होने का दावा पीड़ित पत्रकार की तरफ से किया जा रहा है। बता दें कि पत्रकार अमीन फारूकी पिछले पांच वर्षों से डुमरियागंज में पत्रकारिता कर रहे हैं। वह इस वक्त एक समाचार चैनल से जुड़े हुए हैं। बताते हैं कि चैनल प्रमुख ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और मामला शासन स्तर तक पहुंच गया है। कुल मिला कर मामला अब तूल पकड़ता लग रहा है।
क्या है पीड़ित पत्रकार का पक्ष
इस बाबत पीड़ित पत्रकार ने कहा है कि लाकडाउन के दौरान उनकी कवरेज से एसडीएम त्रिभुवन नाराज थे। उन्होंने यह खबर की थी कि लाकडाउन में कुछ विशेष दुकानों को खोले जाने की छूट दी जा रही है। उन्होंने कुछ दिन पहले धनौरी गांव में आठ लोगों की मौत की खबर भी ब्रेक की थी। इससे एसडीएम नाराज हो गए। उन्होंने उन्हें मैसेज कर धमकी दी थी। उन्होंने मैसेज में लिखा था-‘ परेशान न हो। जब तुम्हे भी कोरोना होगा तो उसका इलाज भी हम ही करेंगे। समय आने दो। समय सब ठीक कर देगा। धैर्य बनाए रखो।’ गौर तलब है कि सोशल मीडिया पर हुई इस पूरी बातचीत का स्क्रन शाट उपलब्ध होने का दावा पत्रकार पक्ष से किया जा रहा है।
हमारे शोहरतगढ़ रिपोर्टर निजाम अंसारी के अनुसार शोहरतगढ़ ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के बैनर तले तहसील के स्थानीय पत्रकारों ने कोविड -19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए बैठक कर डुमरियागंज में विगत दिनों पत्रकार के साथ हुई मारपीट की घटना की निन्दा करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
डुमरियागंज में विगत दिनों पत्रकार के साथ हुई मारपीट व गाली गलौज की घटना पर शोहरतगढ़ के पत्रकारों ने ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन तहसील इकाई अध्यक्ष राकेश तिवारी की अध्यक्षता में बैठक कर घटना की घोर निंदा की।राकेश तिवारी ने कहा कि पत्रकार किसी भीड़ का हिस्सा नहीं है। किसी भी पत्रकार के साथ अभद्रता कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।जरूरत पड़ने पर संगठन संवैधानिक तरीके से लड़ाई भी लड़ सकता है।डुमरियागंज में पत्रकार के साथ मारपीट की घटना में शामिल लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
संगठन महामंत्री एमएस खान ने कहा की डुमरियागंज में पत्रकार के साथ हुए अभद्रता व मारपीट की घटना की वायरल वीडियो और मामले की सत्यता की जांच करते हुए आवश्यक कार्रवाई होनी चाहिए। इस दौरान पत्रकार निसार अहमद चौधरी, अजीज अहमद, सरताज आलम, विजय प्रताप सिंह,सुनील गुप्ता,शिव रतन, रवि शुक्ला, अतुल शुक्ला, अंकित तिवारी, रमेश,राकेश राज, संजय मिश्रा, अभिलाष, अभिषेक, पंकज, श्रवण देवल, श्रवण जायसवाल आदि पत्रकार मौजूद रहे।