अनुराग मर्डर केसः आखिर छोटी सी बात पर हत्यारों ने 17 साल के मासूम को क्यों मार डाला?
नजीर मलिक
डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर। भवानीगंज थाने के धनुवाडीह गांव निवासी राष्ट्रपति पांडेय पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके तीन बच्चों में 14 साल की प्रिया की कुछ अरसा पहले मौत हो चुकी है। 17 साल क अनुराग पांडेय और 6 साल की बेटी रचना को वे बड़े अरमानों के साथ पाल रहे थे, मगर बीते दिन उनके पुत्र अनुराग को जालिमों ने एक छोटे से विवाद में मार डाला। अब राष्ट्रपति पांडेय के जीवन में अंधेरा छा गया है। मगर अहम सवाल यह है कि क्या मारने वाले सचमुच इतने निर्दयी थे कि उन्होंने एक मासूम को पहले क्रूरता से पीटा और फिर उसे जबरन जहर पीने के लिए मजबूर कर दिया, या सच्चाई कुछ और है? क्योंकि हत्या का तरीका इतना अस्वाभाविक बताया जा रहा है जो आम तौर से सामान्य घटनाओं में देखने को नहीं मिलती है।
क्या कहते हैं अनुराग के परिजन
पिता राष्ट्रपति पांडेय के अनुसार 17 साल का बेटा अनुराग बुधवार शाम एक काम के सिलसिले में बयारा जा रहा था। रास्ते में करीब ही परसपुर गांव पड़ता है। अनुराग को गांव के दक्षिण तरफ कुछ लोगों ने उसे रोक लिया। और पूर्व में हुए विवाद के कारण अनुराग को घेर कर मारने लगे। यही नहीं मारने पीटने के बाद हत्यारों ने अनुराग जबरन जहरीला पदार्थ भी पिला दिया।
घटना के बाद स्थानीय स्तर पर प्राइवेट इलाज के बाद दूसरे दिन बृहस्पतिवार सुबह अनुराग के परिजन उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरियागंज ले गए। जहां पर डॉ. ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन उसे लेकर बस्ती भागे। बस्ती सदर अस्पताल में करीब डेढ़ घंटे इलाज के बाद वहां के चिकित्सकों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया। जहां पर इलाज के दौरान शुक्रवार सुबह आठ बजे उसकी मौत हो गई। इस बारे में परसपुर गांव के पूर्व प्रधान नसीरुल सहित शादाब, सद्दाम व अख्तर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है
बहुत उलझा हुआ लगता है पूरा घटना क्रम
परिजनों की यह कहानी बहुत उलझी प्रतीत होती है। दरअसल अनुराग ब्रल के मौलाना आजाद इंटर कालेज में कक्षा 11 का छा़त्र था। बताते हैं कि स्कूल में अनुराग व आरोपी पक्ष के लड़के के बीच कोई झगड़ा हुआ था। इस मामूली झगड़े के कारण विरोधी पक्ष द्धारा अनुराग को मारने पीटने की घटना तो स्वाभाविक लगती है परन्तु उसे जबरन जहर खिलाने की घटना पचती नहीं। अनुराग की पिटाई दोनों पक्षों के रास्ते में अचानक मिल जाने पर हुई। तो क्या अनुराग की पिटाई करने वाले अपने साथ जहरीला पदार्थ लिये हुए थे? क्या उन्हें पहले से पता था कि अनुराग इधर से गुजरेगा, इसलिए आरोपी पक्ष जहरीला पदार्थ साथ लेकर गये थे?
तत्काल अस्पताल क्यों नहीं ले गये परिजन
एक सवाल यह भी है कि बुधवार को हुए झगड़े में जब अनुराग को जहरीला पदार्थ दिया गया तो उसकी हालत उसी दिन क्यों नहीं बिगड़ी, या अगर बिगड़ी तो उसे तत्काल अस्पताल क्यों नहीं ले गये। आखिर क्यों परिजन स्थानीय स्तर पर ही इलाज कराते रहे रहे? उसे दूसरे दिन सुबह ही अस्ताल लेकर उच्चीकृत स्वास्थ्य केन्द्र डुमरियागंज क्यों गये? वैसे यदि जहर देने की घटना सत्य है तो हत्या का कारण सामान्य विवाद के बजाए और कुछ है, जिसकी जांच जरूरी हो जाती है।
क्या बोले क्षेत्र के नेता और जिम्मेदार प्रधान
इस बारे में क्षेत्र के कई जिम्मेदार अलग अलग राय रखते हैं। पड़ोसी गांव के एक जिम्मेदार नेता और हालिया ग्राम प्रधान से बात की गई तो उन्होंने स्कूली विवाद की बात तो कही, लेकिन यह भी बताया कि आरोपी हिंदू मुस्लिम की साम्प्रदायिक दुर्भावना से ग्रसित थे। अगर निवर्तमान ग्राम प्रधान की बात सही है तो इसे बहुत क्रूरता पूर्ण और विकृत मानसिकता का अपराध कहा माना जाएगा। दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे ही भी हैं जो मार पिटाई की घटना से तो सहमत है मगर जहरीला पदार्थ खिलाने के मामले को रहस्यमय मान रहे हैं।
इस पूरे मामले का सच सामने आये इसलिए इसकी गंभीरता से जांच की जरूरत है। यही नहीं घटना के दिन जिस प्रकार से आस पास का माहौल गर्म दिखाई पड़ रह था, उससे इस बात की भी आशंका है कि अवांछनीय तत्व इस घटना को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश करें, इसलिए पुलिस प्रशासन को उस पर बारीक नजर रखने की जरूरत है।