February 17, 2022 2:08 PMViews: 714
महिलाओं तथा युवतियों के बीच विकास व सशक्तिकरण के लिए प्रियंका गांधी की प्रतिबद्धता दर्शाते चलते हैं कांग्रेस उम्मीदवार
नजीर मलिक / आरिफ मकसूद
सिद्धार्थनगर। प्रत्याशी के साथ चंद गांवों का दौरा कर उनके प्रचाार के तरीके और उसके प्रभाव को जानने के लिए कपिलवस्तु पोस्ट ने ‘चंद घंटे प्रत्याशी के साथ’ कार्यक्रम बनाया । इसके तहत कपिलवस्तु पोस्ट की टीम उम्मीदवार के साथ कुछ गांवों में उनके चुनाव प्रचार के तोर तरीके व प्रभाव को देखती है, फिर उनका साथ छोड़ कर टीम अलग से ग्रामीणों से फीड बैक लेती है। इसके तहत कल का दिन इटवा के कांग्रेस प्रत्याशी अरशद खुर्शीद के साथ रहा। प्रस्तुत है एक रिपोर्ट
कनकटी गांव में पहुंचे
कल इटवा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी अरशद खुर्शीद के दौरे को हमारे संवाददाता ने कई घंटे साथ रह कर देखा। अरशद खुर्शीद कई गाड़ियों के काफिले और उसमें बैठे अपने समथर्कों के साथ रूट चार्ट के मुताबिक चलते हुए कनकटी गांव में प्रवेश करते हैं। गांड़ियां गांव के बाहर रुक जाती है। अपने समथर्कों के साथ वे पैदल चल कर गांव में घुस कर एक एक घर से सम्पर्क करते हैं। जो भी सामने मिलता है उसे वे भाजपा क महंगाई की याद दिलाते हें। बेराजगारों को घटती नौकरियों की याद दिलाते हैं। युवतियों से कहते हैं कांग्रेस को जिताओ प्रियंका गांधी सभी पढ़ने वाली लड़कियों को मुफ्त स्कूटी देंगी। कसानों से कर्ज माफी का वादा करते हैं तो महिलाओं को साल में तीन रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाने का कांग्रेस का संकल्प दोहराते हैं।
सवाल करते हैं कि सुख दुख में कौन आता है
हर किसी से बात चीत के दौरान अरशद खुर्सीद यह कहने से नही चूकते कि वे पिछले पांच वर्षों से हर किसी के सुख दुख में पहुचते आरहे हैं। इसलिए आप भी उनकी मदद कर उन्हें जिताएं। इनके पीछे तीन वर्कर पर्चे बाटते हैं , इस गांव में पुरुष नहीं दिखते, इसलिए मुख्य बातें महिलाओं व बालिकाओं पर केन्द्रित होती हैं। इसके बाद वे अगया गांव में पहुचते हैं। उनके कार्यकर्ता आगे आगे पोस्टर बांटते हुए चलते हैं। और अरशद खुर्शीद प्रभावशाली ढंग से उनसे वोट मांगते हुए आगे बढ़ते जाते हैं। उनके साथ चल रहे क्षेत्र के वरिष्ठ नेता नजरे आलम भी परिचितों को समझाते हुए चलते हैं। दलित कार्यकर्ता गांवों में दौड़ दौड़ कर पर्चे बांटता है जैसे उसके पैरों में पंख लगे हों।
अगया गांव का प्रचार भी देखा
करीब आधा दर्जन गांवों के भ्रमण के बाद अगया चौराहे से अरशद का काफिला आगे बढ़ जाता है, मगर पत्रकारों की टीम फीड बैक के लिए रुक जाती है। ग्रामीण भाजपा से नाराज दिखते हैं। 65 साल के झगरू दलित दलित कहते हैं कि हम तो बहुत पहले कांग्रेस को वोट देते थे, इस बार फिर कांग्रेस को वोट देने का मन बनाए हुए है। बाल किशन व अलगू भी कुछ इसी प्रकार की बात करते हैं। इसके गामीणों में कांग्रेस के पुराने शासन व इंदिरागांधी पर ग्रामीणों में चर्चा छिड़ जाती है, जो प्रत्यासी के लिए शुभ संकेत देता है। झगरू दलित कहते हैं कि अरशद खुर्शीद जब बसपा में थे तब भी हम लोग के सुख दुख में आते थे आज भी बेटे की तरह उतना ही सम्मान दे रहे हैं।
ग्रामीणों में बहस को जन्म देने में कामयाब हैं अरशद
कुल मिला कर अरशद खुरशीद ग्रामीणों के बीच निरंतर पांच सालों तक आते रहने और महिलाओं के बीच इन्दिरा गांधी की पोती प्रियंका गांधी का चर्चा बड़ी शिद्दत से करते हैं और उनका यह तरीका काफी प्रभाव भी डालता है। उनका चुनाव प्रचार वोट के रूप में कितना तब्दील होगा यह तो 10 मार्च को पता चलेगा मगर अरशद खुर्शीद जनता के बीच अपने प्रचार के तरीकों से एक चर्चा को खड़ा करने कामयाब तो दिखते ही है।