गोरखपुर के गोलघर सीरियल ब्लास्ट में आतंकी तारिक काजमी को उम्रकैद

December 21, 2020 11:37 PM0 commentsViews: 947
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अजीत सिंह

पुलिस अभिरक्षा में आतंकी तारिक़ काजमी

गोरखपुर। वर्ष 2007 यानी 13 साल पहले गोरखपुर में हुए सनसनीखेज सीरियल बम ब्लास्ट में सोमवार को अदालत ने आरोपित तारिक काज़मी को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। अदालत ने तारिक काजमी पर 2 लाख 15 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। तारिक काज़मी आज़मगढ़ के शंभू पुर थाना रानी की सराय का रहने वाला है। यह वही तारिक काज़मी है जिस पर लखनऊ, अयोध्या और बाराबंकी कचहरी में हुए ब्लास्ट का भी आरोप था और उसे बाराबंकी से गिरफ्तार किया गया था। इसे लखनऊ व अयोध्या की अदालत पहले ही सजा सुना चुकी है।

ये है ब्लास्ट की कहानी, ऐसे हुई सजा

गोरखपुर के गोलघर में 22 मई 2007 में ताबड़तोड़ तीन ब्लास्ट से पूरा शहर दहल गया था। इस ब्लास्ट से यूपी में भी दहशत का माहौल बन गया था। पुलिस जांच कर रही थी कि 22 नवंबर 2007 को फैजाबाद, बाराबंकी और लखनऊ कचहरी ने भी तीन ब्लास्ट किए गए थे। ब्लास्ट ने यूपी पुलिस की चूलें हिला दी थी। कड़ी मशक्कत के बाद आजमगढ़ जनपद के रानी की सराय थाना क्षेत्र के शंभूपुर निवासी तारिक काज़मी पुत्र रियाज अहमद को पुलिस ने उसके साथियों के साथ बाराबंकी से गिरफ्तार किया था।

अपर जिला सत्र न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार सिंह की अदालत में सोमवार को इस पूरे मामले में बहस के बाद सजा सुनाई गई। अभियोजन ने अदालत को बताया कि किस तरह उस दिन शाम को बलदेव प्लाजा, गोलघर, जलकल बिल्डिंग के पास थोड़ी ही देर में तीन ब्लास्ट से अफरा-तफरी मची थी। अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए सबूतों के आधार पर तारिक काज़मी को उम्रकैद की सजा सुनाई।

काजमी पर अर्थदंड भी लगाया

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी यशपाल सिंह ने बताया कि गोरखपुर सिविल कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या एक नरेंद्र कुमार सिंह ने 3/4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 3/4 में सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा तारिक काज़मी को आईपीसी की धारा 307 के तहत 10 साल, 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत 3 साल की सजा हुई है। विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धाराओं 16,18 और 23 में 10-10 साल और 5 साल की सजा के अलावा 2 लाख 15 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।

पहली बार आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम आया था सामने

22 मई 2007 को गोरखपुर में हुए 3 सीरियल ब्लास्ट के बाद 22 नवंबर 2007 को फैजाबाद, बाराबंकी और लखनऊ कचहरी ने भी तीन ब्लास्ट किए गए थे। गोरखपुर के गोलघर सीरियल ब्लास्ट में पहली बार आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम सामने आया था। गोरखपुर में हुए तीनों सीरियल ब्लास्ट साइकिल पर टिफिन में किए गए थे। इसी की तर्ज पर फैजाबाद, बाराबंकी और लखनऊ में भी सीरियल ब्लास्ट किए गए थे। गोरखपुर सीरियल ब्लास्ट में छह लोग घायल भी हुए थे। गोरखपुर सीरियल ब्लास्ट के आरोपी तारिक काजमी को बाराबंकी से उसके साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। 

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