गोशालाएं हुई निरर्थक, मर रहीं गायें, छुट्टा पशुओं से आज भी परेशान हैं किसान
गोशालाओं में रखे जा रहे पशुओं को दिया जा रहा सूखा भूसा, एसडीएम ने लिया मामले का संज्ञान
निजाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। भाजपा शासन में छुट्टा पशुओं की सुरक्षा और संरक्षण सरकार की विशेष प्राथमिकताओं में है, बावजूद इसके गायों के मरने का सिलसिला थम नही रहा है। इसका कारण गोशालाओं के लिए आवंटित धन में व्याप्त भ्रष्टाचार बताया जाता है। दूसरी ताफ शासन की गोशाला नीति से भी आवारा पशुओं में कमी नहीं आई है। किसान फसलें बचाने के लिए रात को खोतों की रखवाली को मजबूर हैं।
गौशाला स्थापित करने को लेकर जमीनी जद्दोजहद के बाद शोहरतगढ़ तहसील अंतर्गत बनाये गए सात गौशालाओं में व्यवस्था बहूत खराब है, जबकि शासन ने प्रत्येक गौशाला के लिए अच्छी खासी धनराशि का आवंटन किया है फिर भी व्यस्था के नाम पर सब सूखा ही है । हरा भरा कुछ भी नहीं तहसील अंतर्गत गौशालाओं के सूत्रों द्वारा जानकारी मिली है कि किसी भी गौशाला पर सूखे चारे के अलावा उन्हें सानी में हरा चारा और दालों के टुकड़े नसीब नहीं हुए ।
जानकार बताते है कि धन की कमी नहीं होने के बावजूद भी पशुओं का स्वस्थ्य देखते ही बनता है। आवारा जानवरों के संरक्षण के लिए गौशाला बनी तो जरूर है, फिर भी बाज़ारों और मुख्या मार्गों पर उनकी भीड़ देख कर लगता है कि अधिकांश गोशालाओं में जानवरों को संरक्षण देने का काम दिखावे के लिए है। स्थानीय किसान गंगाराम कहते हैं कि किसान आज भी रातों को जाग कर खेतों की रखवाली कर रहा है। ऐसे में लाखों खर्च वाली गौशलाओं का क्या अर्थ है। न गायों की सुरक्षा हो रही न ही आवारा पशुओं से खेतों की सुरक्षा।
सियांव स्थित गौशाला के देखभाल करने वालों नान्हू , योगेश, गणेश , बिंद्रावती आदि ने बताया कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में सूखा भूसा है , हरा चारा के बारे में बताया कि चरी बोया गया था लेकिन सूख गई। अब तक सभी गौशाला में सूखा चारा ही दिया जाता है। ऐसे में दालों के टुकड़े और हरा चारा खिलाकर गौसेवा करना अभी दूर की कौड़ी ही नज़र आती है। इसी अव्यवस्था के कारण दिन ब दिन गायों की सेहत गिरती जा रही है और उनके मरने का क्रम जारी है
बता दें कि नगर पंचायत प्रशासन के अधीन अस्थायी गौशाला में विगत दो माह में तीन गाय कमजोरी और बीमारी के कारण मर गयी। यही नहीं गौशाला के शुरूआती दिनों में ही एक गाय बुरी तरह घायल हो गयी थी सूत्रों के अनुसार उसकी भी मौत हो चुकी है। मामले को संज्ञान में लेते हुए एस डी एम अनिल कुमार ने नगर पंचायत शोहरतगढ़ के अधिशाषी अधिकारी राम सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। जैसे ही जवाब आता है तो कार्यवाही होना तय बताया जा रहा है।
बताते चलें कि अव्यवस्था को देखते हुए लगभग पचास की संख्या में छुट्टर पशुओं को नगर पंचायत की गौशाला से सियांव नानकार की गौशाला में इतवार को शिफ्ट कराया गया है। फिलहाल प्रशासन चाहे जो जुगत लगाये, लेकिन गायों को हरा चारा मिलने की उम्मीद नहीं। गायों पर राजनीती करना जितना आसान है गौसेवा उतनी ही मुश्किल है। फिल हाल अभी तक प्रशान के सारे दावे बेकार साबित हुए हैं।