चला था पत्नी का गला काटने, बदकिस्मती से खुद ही जहर पीकर मरना पड़ा, पत्नी के चरित्र पर था शक
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। वह एक शंकालू चरित्र का व्यक्ति था, लेकिन आदतन अपराधी नहीं। उसे अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था। इसलिए उसने उसने ऐ दिन झगड़े में अपनी पत्नी की गर्दन पर कुल्हाड़ी पर वार किया लेकिन बाद में याद आया कि अब क्या होगा। इसी भय में उसने घर से दूर जाकर जहर खा लिया। इस प्रकार पत्नी को मार डालने के प्रयास में अपनी ही जान गंवा बैठा।
मंगलवार को को ढेबरूआ थाने के बसंतपूर गांव के पास एक लाशा देखी गई। लाश कई दिन की थी। उसे जानवरों ने नोच खाया था। उसमें बदबू भी थी। लाश के पास 19 हजार 712 रुपये, शराब की दो भरी व एक खाली शीशी पाई गयी। वहीं बगल में जहरीले कीटनाशक की एक शीशी भी पाई गई। लगता था कि उसने वहां बैठ कर शराब पी फिर कीटनाशक पी कर जान दे दी या फिर उसके साथ रहे लोगों ने उसे जहर पिलाया हो।
छानबीन में लूट या कत्ल नहीं
लेकिन वहां शराब की दो छोटी शीश्यिां और बरामद रुपये इस बात का प्रमाण थे कि न तो उसके साथ लूट हुई न साथ बैठ कर किसी पीने वाले ने जहर पिलाया। पुलिस को छानबीन में ऐसा लगा कि घटना के समय मृतक अकेला था। उसके साथ कोई साजिश नहीं हुई थी।
छानबीन के दौरान लाश के अस्थि पंजारों में फंसे कपड़ों व अन्य निशान से शंका हुई कि यह लाश पड़ोसी थाना शोहरतगढ़ के ग्राम पड़रिया निवासी अड़तीस चालीस साल के केदार अग्रहरि की हो सकती है। चाय व किराना की दुकान करने वाला केदार पिछले एक सप्ताह से गायब भी था। शाम तक उसकी पुष्टि भी हो गई कि लाश केदार की ही थी।
क्या थी सारी कहानी
गांव वालों के अनुसार तीन मार्च को केदार और उसकी पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था। केदार ने गुस्से में पत्नी के गरदन पर कुल्हाड़ी या अन्य धरदार हथियार से वार भी किया था, जो उसकी गरदन पर न लग कर सर पर लगाा थऔर वह बेहोश हो गई। इस घटना के बाद पत्नी के मायके वालों ने उसका इलाज कराने के साथ साथ केदार पर मुकदमा लिखाने की बात करने लगे। यह देख केदार उसे व अपने पांच बच्चों को रोता छोड़ घर से गायब हो गया और घटना के 6 दिन बाद उसकी लाश बसंतपूर गांव के पास मिली।
पत्नी के चरित्र पर था शक
केदार के सुसुराल बालों व गांव वालों की मानें तो केदार की पत्नी बहुत अच्छी थी। मगर उसकी मिलनसारिता से केदार को शंका होती थी कि उसकी पत्नी का गांव में अवैध सम्बंध हैं। इसी से घर में आये दिन कलह और मारपीट भी होती है। गत 3 मई को इसी मुद्दे पर झगड़ा हुआ। जब उसकी पत्नी घायल होकर बेहोश हुई और लोगों में मुकदमा दर्ज कराने की चर्चा हुई तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। और बसंतपुर गांव के पास शराब के साथ कीटनाशक पीकर जान दे दी।
इस सम्बंध में ढेबरूआ पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टिया मामला सुसाइड क लगता है। लेकिन लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी गई है। रिपोर्ट विपरीत आने या नया तथ्य मिलने पर नये सिरे से जांच की जायेगी। बहरहाल केदार की शक करने की आदत ने उसे खुद तो मार ही डाला और एक भरे पूरे परिवार को तबाह कर लिया।