हाय रे लोकतंत्रः ईमानदार और गरीब उम्मीदवारों का मजाक उड़ा रहे वोटर
हमीद खान
सिद्धार्थनगरः इटवा तहसील के विकास खंड भनवापुर वा खुनियाँव में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 5 दिसम्बर को होगा। चुनाव के आखरी दौर में प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। मतदाता जहां धनबली उम्मीदवारों को पलकों पर बिठा रहे हैं, वहीं ईमानदार मगर गरीब उम्मीदवारों का मजाक उड़ाने से भी नहीं चूक रहे हैं।
खुनियांव के एक गाँव में चुनाव प्रचार के दौरान एक स्थान पर यह बात कपिलवस्तु पोस्ट संवाददाता को सुनने को मिली। जहाँ उम्मीदवार पहुंचता है। हाथ जोड़ कर विनम्र भाव से कहता है, दादा जी प्रणाम हम गरीब आदमी हैं। हमारे पास दारु और नोट नहीं है। हम को आप के अशीर्वाद की जरूरत है।
इस पर मतदाता उस की खिल्ली उड़ाने लगते हैं। दादा जी कह उठते हैं कि चुनाव तो बहुबलियों का है। इसमें अकूत धन की आवश्यकता होती है। कहीं बगैर धन के चुनाव जीता जाता है? क्यों अपनी बरबादी की इबारत लिखने चुनावी महासागर में आ टपके हो।
दादा जी से ऐसे शब्द सुनते ही उम्मीदवार वहां से निराश होकर चला जाता है। तभी दूसरे उम्मीदवार का पदार्पण होता है। शराबी व लालची किस्म के मतदाताओं के चेहरे खिल उठते हैं।
अपनी मुंह मांगी सौगात पा कर झूमते हुऐ, उस के साथ कदम से कदम मिला कर वोट मांगने और देने केे लिए तैयार हो जाते हैं। यही सिलसिला सुबह से शुरु हो कर देर शाम तक जारी रहता है।
कमोबेश यही स्थिति अधिकतर गांवों की है। वहां न विकास की बात हो रही न ही मुदृदे की। सभी तलाशते हैं ऐसे उम्मीदवार, जो उन्हें नोट या तोहफे दे सके। वोटरों का एक ही सिद्धांत है, जितना बड़ा नोट, उतना ही पक्का वोट।
खुनियांव के ही पोलिटकल साइंस के छात्र रहे रामानुज कहते हैं कि लोग ईमानदार और उम्म्ीदवार का नहीं, लोकतंत्र व विकास का मजाक उड़ा रहे हैं। आने वाले वक्त में जनता को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।