देश नफरत से नहीं बल्कि भाईचारगी से बढ़ेगा आगे- प्रो. रविकान्त

November 30, 2025 10:06 PM1 commentViews: 186
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देश में भावनात्मक मुद्दों को लेकर फैलाया जा रहा नफरत- प्रो. राम पुनियानी

 

सरताज आलम 

सिद्धार्थनगर। विकास खण्ड बढ़नी अन्तर्गत दुधवनिया बुजुर्ग गांव में शनिवार को 1857 प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में बहादुर शाह जफर का योगदान विषय पर आधारित विचार गोष्ठी का आयोजन विधायक फरेंदा वीरेन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रमुख इतिहासकार प्रो. राम पुनियानी, विचारक प्रो. रविकान्त, सोशल एक्टिविस्ट शकीला शाहीन, बहादुर शाह जफर की पड़पौत्र पुत्र वधु बेगम समीना व बदरे आलम ने सरदार भगत सिंह, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, पंडित जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी व बहादुर शाह ज़फ़र के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।

मुख्य वक्ता प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. राम पुनियानी ने मुग़ल बादशाहों के कुर्बानियों को याद कर इतिहास को सही ढंग से पेश करने की बात करते हुए कहा कि आपसी भाईचारगी व सभी धर्मों के सम्मान से ही देश सही दिशा में जा सकता है। संविधान का पालन कर व धर्म के नैतिकता वाली पार्टी के साथ वर्तमान पीढ़ी को चलने की जरूरत है। संविधान का अपमान हो रहा है। भावनात्मक मुद्दे से नफ़रत फैलाया जा रहा है। नफरत का बीज न परोसकर समाज के पुनर्निर्माण की जरूरत है। बराबरी के आंदोलन में सहभागिता निभाएं।

प्रो. रविकान्त ने कहा कि वर्तमान सरकार देश के लोगों को गुमराह कर रही है। पूर्वजों के इतिहास को गलत तरीके से पेश कर भविष्य को विकलांग बनाने की साजिश हो रही है। आजादी के सपनों का भारत जो बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने देखा था उसे साकार करने के लिये देशवासियों को आपसी नफरत नहीं बल्कि भाईचारगी के काम करना होगा।

बहादुर शाह जफर की पड़पौत्र पुत्र वधु बेगम समीना ने कहा कि देश में गंगा जमुनी तहजीब से देश विकास की ओर आगे बढ़ेगा ना कि नफरत से। उन्होंने कहा कि देश में जातिवादिता संकीर्ण विचारधारा को जन्म दे रहा है। देश की आजादी के लिए अमर शहीदों को याद करते हुए उन्हें सम्मान देने की आवश्यकता है। कहा कि बहादुर शाह जफर ने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। उनकी कुर्बानी को देश कभी नहीं भुलाया जा सकता। देश की आजादी के लिये उनके दिये गये योगदान व संघर्षों को याद रखना होगा।

कार्यक्रम को सोशल एक्टिविस्ट शकीला शाहीन, विधायक सय्यदा खातून, पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद, पूर्व सांसद चन्द्रशेखर त्रिपाठी, सुरेन्द्र चौधरी, काजी सुहेल अहमद, जगदीश पांडेय आदि ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सुधीर कुमार ने किया। इस दौरान कार्यक्रम आयोजक स्वतन्त्रता सेनानी मौलाना अब्दुल कय्यूम रहमानी, फाउण्डेशन अध्यक्ष बदरे आलम, डॉ. सरफराज अंसारी, दयासागर पाठक, अकील अहमद, यशोदा श्रीवास्तव, डॉ. जावेद कमाल, हाफिज सनाउल्लाह, सजाउद्दीन, खलकुल्लाह, शिवप्रसाद वर्मा, हरिराम यादव, राममिलन भारती, शिवचंद भारती, दीपक यदुवंशी, जहीर आलम, हैदर आलम, मकसूद आलम, बाबा इब्राहिम, निजाम अहमद, जमाल अहमद, अल्ताफ हुसैन, अनिरुद्ध पाठक, हाफिज एजाज अहमद, गालिब बिसेन, राजेंद्र भारती, सागर पाठक, निसार अहमद बागी, देवेन्द्र गुड्डू, इफ्तिखार अहमद, मोहम्मद असलम, ओबेदुल्ला, मकसूद आलम, इफ्तेखार अहमद, कमर आलम, कमरुद्दीन,कुंवर आसिफ आदि लोग मौजूद रहे।

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