बकरा खरीद को लेकर दो सेठों में छिड़ी वर्चस्व की जंग, दोनों पक्षों में असलहे लेकर शक्ति प्रदर्शन, पुलिस परेशान
शिव श्रीवास्तव
महाराजगंज। बृजमनगंज थाना के एक गांव में एक बकरे की खरीद में दो सेठों का ईगो इस तरह टकराया की दोनों सेठों के परिवार और समर्थक आमने सामने आ गये। मामला मारपीट से असलहा लहराने तक आ गया। वर्चस्व की इस लड़ाई का हल दो दिनों से थाने पर भी नहीं निकल रहा है। इस मामले में कई अन्य लोग शामिल होकर सेठों को लड़ा कर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं। खबर है कि इसमें बिचौलिये दोनों सेठों से काफी धन ऐंठ रहे हैं।यह मामला पूरे जवार में चर्चा का विषय बना हुआ है। दूसरी तरफ इस मामले में गरीब बकरे वाले की काफी फजीहत हो रही है।
जानिए क्या है असली मामला
सूत्रों के अनुसार बृजमनगंज थाने के ग्राम सभा कवलपुर टोला सनौली के सोहराब फकीर के वहां एक बकरा था। जिसको उसी गांव के निवासी और हाल ही में सऊदी अरब से आए भोला सेठ ने 13 हजार रुपए में सौदा फाइनल कर लिया, लेकिन पैया न देकर चले गये। कुछ दिन बीतने के बाद गांव के ही सऊदी अरब से ही आये एक अन्य सेठ तबारक के वहां कोई बीमार पड़ गया और सदका करा कर मीट को गरीबों में बांटने के लिए बकरा तलाशने लगे। इसी बीच उन्हें पता चला गांव के सोहराब फकीर के पास एक बकरा है तो तबारक सेठ ने उसके पास जाकर बकरे की सौदा ₹11000 में कर लिया और सदके के नाम बकरा घर ले आये।
और लहराने लगे असलहे
यह सूचना जब सऊदी सेठ भोला को लगी तो वह तैश में आकर सोहराब फकीर के घर जाकर गाली गलौज करने लगा। इसकी सूचना पल भर में गांव में फैल गई। दूसरे सऊदी सेठ तबारक ने सोहराब का पक्ष लेते हुए बोला कि कमजोर से क्या लड़ रहे हो लड़ना है तो बराबर वालों से लड़ो। उसका इतना कहना ही था कि भोला सेठ ने तबारक सेठ पर हमला बोल दिया। बात इतनी आगे बढ़ गई दोनों तरफ से असलहे भी भी निकल आये। ग्रामीणों ने बीच-बचाव कर मामले को रफा-दफा किया। दोनों पक्षों ने मामले को वर्चस्व की लड़ाई मानते हुए एक दूसरे के खिलाफ थाने पर पहुंचे और तहरीर देते हुए अपने अपने रुतबे का जोर आजमाइश करने गे, जो अब तक जारी है। मामला 2 दिनों से थाने पर चल रहा है और क्षेत्र में इस मामले की चर्चा जोरों पर हैं।
पुलिस का क्या कर रही है…
इस घटना को लेकर पुलिस भी परेशान है। वह शान्ति बनाये रखने के लिए दोनों पक्षों का समझााने में लगी है। पुलिस दोनों पक्षों से बातचीत कर मामले को सुलह सपाटा कराने हेतु प्रयास कर रही है। वही एक पक्ष मुकदमा लिखने पर अड़ा है। इस मामले में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि थाने पर ही पंचायत कर मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जनप्रतिनिधि क्यों इतनी दिलचस्पी ले रहे हैं, इसे आसानी से समढा जा सकता है।