बानगंगा नदी की भयानक कटान से नौडिहवा गांव का वजूद खतरे में, ग्रामीण भयभीत
निजाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। ब्लाक क्षेत्र के ग्राम बसहिया के टोला नौडिहवा में बानगंगा नदी तेजी से कटान करती हुई आबादी की ओर बढ रही है। ग्रामीण दहशत में आ गए हैं। हालात यह है कि अगर कटान ऐसे ही जारी रही तो गांव के कई मकान नदी की जलधारा में विलीन हो जाएंगे।
बानगंगा नदी का इतिहास रहा है कि उतार पर आने के साथ ही यह तेजी से कटान करती है। इस दौरान जलधारा भी बदलने लगती है। इस बार मानसून की बारिश में दो बार नदी का जलस्तर तेजी से ऊपर चढ़ा है। पहले बार के बढ़ाव में जलस्तर ने लाल निशान पार किया था। पानी से नौडिहवा व रामगढ़ का सिवान डूब गया था। इसके एक सप्ताह के भीतर नदी फिर से बढ़ाव पर आ गई थी। ग्रामीणों के अनुसार इसके बाद पानी कम होने लगा तो नदी ने कटान शुरू कर दिया।
नौडिहवा पुल के उत्तर दिशा के पश्चिमी छोर पर तेजी से नदी कटान करते हुए खेत व घरों की तरफ बढ़ रही है। 2016 व 17 में बानगंगा में आई बाढ़ में करीब दस मीटर तक नदी ने कटान करके धारा बदल दी थी। यहां के खेत नदी में विलीन हो चुके है। प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ से स्थाई निजात दिलाने का वादा किया था। मगर यह अब तक पूरा नहीं हो सका।
नदी और गांव के बीच की दूरी महज दस मीटर: नौडिहवा गांव और नदी के बीच की दूरी प्रत्येक वर्ष कम होती जा रही है। अब यह महज दस मीटर में ही सिमट कर रह गई है। ग्राम निवासी खदेरु, तौलू, चंद्रकांत यादव, गूदे, घरभरन आदि कहते है कि नदी कब बढ़ने लगेगी, किसी को नहीं मालूम। किसका घर नदी में विलीन हो जाएगा, इसे सोच सभी के मन में एक अंजाना भय व्याप्त है। नदी जब उफान पर आती है तो पूरा क्षेत्र जलमग्न हो जाता है। फसल बर्बाद हो जाती है। तहसीलदार अरविंद कुमार ने कहा कि जांच कर रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाएगी। समस्या के निस्तारण का पूरा प्रयास किया जाएगा।