बाणगंगा नदी ऊफान पर, कटान से नौडिहवा गांव के वजूद को खतरा
निज़ाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। तीन दिन पूर्व पहाड़ों पर शुरू हुई बारिश से बानगंगा नदी ऊफना गई है। जलस्तर बढ़ जाने से नदी में बहाव तेज है। वह तेजी से कटान करती हुई र्गाम पंचायत बसहिया के टोला नौडिहवा गांव में आबादी की ओर बढ रही है। कटान के कारण नौडिहवा गाँव का संपर्क मार्ग भी कटान की चपेट में आने वाला है। इससे ग्रामीण दहशत में हैं। अगर कटान ऐसे ही जारी रही तो गांव के कई मकान नदी की जलधारा में विलीन हो जाएंगे और तहसील मुख्यालय से संपर्क भी कट सकता है।
बानगंगा नदी का इतिहास रहा है कि उतार पर आने के साथ ही यह तेजी से कटान करती है। इस दौरान जलधारा भी बदलने लगती है। इस बार मानसून की बारिश में दो बार नदी का जलस्तर तेजी से ऊपर चढ़ा है। पहली बार के बढ़ाव में जलस्तर ने लाल निशान तक अपन दस्तक दिया था। कटान से नौडिहवा गांव पर खतरा मंडरा रहा है। इसके एक सप्ताह के भीतर नदी फिर से बढ़ाव पर आ गई थी। ग्रामीणों के अनुसार इसके बाद पानी कम होने लगा तो नदी ने कटान शुरू कर दिया।
नौडिहवा पुल के उत्तर दिशा के पश्चिमी छोर पर तेजी से नदी कटान करते हुए खेत व घरों की तरफ बढ़ रही है। 2016 व 17 में बानगंगा में आई बाढ़ में करीब दस मीटर कटान करके तक नदी ने धारा बदल दी थी। यहां के खेत नदी में विलीन हो चुके थे। बसाहिया ग्राम पंचायत प्रधान राजेन्द्र यादव ने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की।
बताते है कि संपर्क मार्ग और नदी के बीच की दूरी महज 5 मीटर से भी कम रह गई है।: नौडिहवा गांव और नदी के बीच की दूरी प्रत्येक वर्ष कम होती जा रही है। अब यह महज 5 मीटर में ही सिमट कर रह गई है। इस दौरान ग्राम प्रधान राजेन्द्र यादव ने कहा नदी कब बढ़ने लगेगी, किसी को नहीं मालूम। किसका घर नदी में विलीन हो जाएगा, संपर्क मार्ग कब नदी में विलीन हो जाये इसे सोच सभी के मन में एक अंजाना भय व्याप्त है। नदी जब उफान पर आती है तो पूरा क्षेत्र जलमग्न हो जाता है। फसल बर्बाद हो जाती है।