ओवरलोड के कहर से निकल रहा सड़कों का कचूमर, हांफ रहे बाँसी, डुुमरियागंंज केे कई मार्ग

November 27, 2020 12:54 PM0 commentsViews: 361
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बांंसी-धानी, डुमरियागंज़-भड़रिया, नौगढ़- करीमपुर व शाहपुर-सिंगारजोत मार्ग की दशा भी अत्यंत खराब, सांसद, विधायक व प्रशासन की लापरवाही दुखद

महेंद्र कुमार गौतम

बाँसी, सिद्धार्थनगर।जिले की की कुछ गिनी चुनी सड़कों को छोड़कर बाकी सभी सड़कों की दशा खस्ताहाल हैं, लकिन इनमें भी बांसी धानी के अलावा डुमरियागंज़-चंद्रदीप घाट, नौगढ़- करीमपुर व शाहपुर-सिंगारजोत मार्ग की दशा भी अत्यंत खराब है। बांसी- धानी मार्ग तो दो जनपदों को जोड़ता है। इसके बावजुद इस सड़क के मरम्मत के लिए किसी की दिलचस्पी दिखाई नहीं देती है। हाल यह है कि कहीं सड़क में गड्ढे हैं तो कहीं खुद गड्ढे में ही सड़क हो गई है।

बांसी धानी मार्ग का हाल

बताते चले कि बाँसी से गोनहा, साकारपार, पेंडारी व धानी जाने एकमात्र रास्ते पर ओवरलोड भार वाहन रात्रि से भोर तक बेरोकटोक फर्राटा भरते रहते हैं। चूंकि यह मार्ग गोरखपुर पहुंचने का शॉर्टकट मार्ग भी है जिस से रोड पर आवागमन हमेशा जारी रहता है और बड़े  बड़े ट्रक चलते रहते हैं जिस कारण रोड पर गड्ढे और रोड का टूटकर बिखरना लगातार जारी रहता है। पिछले महीने संबंधित विभाग ने गड्ढो को भरकर व लेपन कार्य करवाकर अपना दायित्व तो पूरा कर लिया पर ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कोई कार्यवाही न होने से स्थिति पुनः जस की तस हो गयी।हर कुछ मीटर पर रोड पर बिखरीं गिट्टियां और गड्ढे आम जनता के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं।

डुमरियागंज, शाहपुर मार्ग

इसी प्रकार  डुमरियागंज तहसील के शाहपुऱ-सिंगारजोत व डुमरियागंल- भड़रिया मार्ग की हालत भी बहुत बुरी है। इन दोनों सड़कों पर चलने की कौन कहे देख करही पसीने छूटने लगते हैं। डुमरियागंज भड़रिया मार्ग जो चन्द्रदीप घाट तक जात है, बिथरिया गांव तक पूरी  तरह क्षतिग्रस्त है। दूसरी तरफ शाहपुर से सिंगारजोत जाने वाली सड़क का यही हाल है। इन दोनों सड़कों पर चार पहिया वाहन से चलना मौत को दावत देना है। मजबूरी में लोगकिसी प्रकार बाइक से गिरने का खतरा उठा कर चलते हैं।

प्रशासन की नाक के नीचे का सच

जिला मुख्यालय के पुराना नौगढ़ से करीमपुर जाने वाले सात किमी मार्ग पर भी चल पानी ढेढ़ी खीर है। चौपहिया वाहन से सात किमी की यह दूरी तय करने में पचास मिनट लग जाते हैं। ऐसे में सोचा जा सकता है कि सड़क की हालत क्या होगी? वैसे भी जब जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी की नाक के नीचे की सड़क का यह हाल है तो अन्य सारी सड़कों के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है।

आखिर कौन है इनका जिम्मेदार ?

रोड की इस तरह बर्बादी के जिम्मेदार कौन हैं जिसका जवाब शायद ही कोई दे सके।चूंकि बाँसी धानी मार्ग मुख्य मार्ग से हटकर है जिसपर न तो कोई अधिकारी जांच के लिए निकलता है और न कोई कार्यवाही होती है जिस से ओवरलोडिंग करने वालों के हौसले भी अर्श पर हैं। स्थानीय लोगो के अनुसार रोड के गड्ढे भी काम चलाऊ तरीके से भरे गए थे जिस कारण हालत फिर वैसे ही हो जाती है।

दूसरी तरफ डुमरियागंज की दोनों सड़कों के बारे में राजनीति बताई जाती है। शाहपुर मार्ग के बारे में बताते है कि एक नेता के चहेते ठेकेदार ने फर्जी निर्माण कर पैसा खा लिया।नियमानुसार एक बार बनी सड़क पर पांच साल के बाद ही मरम्मत का धन दिया जाता है। इसलिए वहां के नागरिक इस अवधि के बीतने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन डुमरियागंज वाली सड़क की मरम्मत का काम आधे अधूरे में रोक दिया गया है। इसके पीछे क्षेत्र की जनता राजनीीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाती है।

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