डेंगू से बढ़नी में 5 मौतें, सौ से अधिक बीमार, कस्बे में दहशत, मगर स्वास्थ्य मंत्री को फिक्र नहीं
नजीर मलिक
यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में डेंगू ने अपने पैर पसार लिए हैं।जिले के बढ़नी कस्बे में इस खतरनाक बीमारी से अब तक आधा दर्जन की मौत हो चुकी है। इसके अलावा इस छोटे से कस्बे में डेंगू से कई दर्जन लोग पीड़ित हैं। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक खुद वहां का दौरा कर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। लेकिन इसी जिले के रहने वाले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री या उनके मातहत मोहकमें के अफसरों को इसकी जरा भी फ्रिक नहीं है। डेंगू की वजह से पहले से दहशत में डूबे लोग सरकार की इस संवेदनशीलता से थर्रा उठे हैं।
बढ़नी में गत महीने से फैली इस बीमारी को स्वास्थ्य विभाग पहले पूरी तरह से नकारता रहा । काफी हो हल्ला होने के बाद विभाग हरकत में आया और खाना पूर्ति में जुटा रहा। कोइ ऐसा परिवार नही बचा होगा जो इस बीमारी के चपेट में ना हो। लोग सक्षम न होने के बाद भी किसी तरह से बाहर शहरों में दवा करा रहे है। केव कुछ बेहद गरीब तबके लोग मजबूरी में अपने घरों में रहकर इलाज करा रहे है। जिस परिवार की मौते हो गई है उनके परिजनों के आंसू नही थम रहे है।
कस्बा निवासी शिवपूजन अग्रहरि की बहू माया देवी की मौत पिछले दिनों डेंगू से हो गई। मौत के समय उनकी गोद में इसके गोद में 11 माह का अबोध बच्चा था। शिवपूजन अग्रहरि बताते हैं कि यदि यहां इलाज की व्यवस्था होती तो समय से चिकित्सा सेवा मिल जाती तो मेरी बहू के प्राण निश्चित रूप से बच जाते।इतना कहने के बाद वे फफक पड़ते हैं और आगे नहीं बोलने की क्षमता नहीं रह जाती।
कस्बे में एक और व्यापारी हैं 50 वर्षीय वीरेन्द्र कुमार। उनके दो जवान बेटों, 22 साल के अमन कुमार और 24 साल के विवेक कुमार की एक ही दिन मौत हो गई। छोटा बेटा छात्र था तथा बड़ा बेटा व्यापार में हाथ बंटाता था। ऐसे में पिता बीरेन्द्र कुमार कुमार की हालत क्या होगी, समझा जा सकता है। वे कहते हैं राजा साहब (स्वास्थ्यमंत्री जी) हमारे पड़ोस के टाउन के हैं, मगर यहां यहां का स्वास्थ्य विभाग के पास इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां लोग उस दिन को भी कोसते मिल जाते हैं जब उन्होंने सरकार को प्रचंड रूप से वोट दिया था। पीड़ा का यही हाल व आक्रोश अन्य तीन मृतकों के परिवारों का है।
एक पीड़ित के परिजन मंटू अग्रहरि बताते है कि कस्बे में इस समय तकरीबन सौ से डेढ़ सौ लोग डेंगू से पड़ित हैं। कस्बे के सभासद निजाम अहमद कहते हैं कि कस्बा इस बीमारी से दहशत में है मगर आज तक सत्ता पक्ष के लोगों द्धारा पड़ितों की तदद केलिए कोई प्रभावी उपाय नहीं किये गये।एक अन्य पीड़ित परिजन ने बताया कि विपक्ष के नेता और गत चुनाव में सपा के विधानसभा प्रत्याशी उग्रसेन सिंह जरूर आये थे और उन्होंने धरना देकर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया, लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गई। वैसे यह सरकार विपक्ष की आवाज सुनती ही कब है?
जहां तक स्थानीय प्रशासन का सवाल है गत मंगलवार को जिलाधिरी दीपक मीणा और पुलिस अधीक्षक राम अभिलाष त्रिपाठी ने बढ़नी को दौरा कर हालात का जायजा लिया। डीएम ने डाक्टरों को इलाज सम्बंधी हिदायत भी दी, मगर मुख्य चिकित्साधिकारी बढ़नी टाउन में डेंगू का प्रकोप होने से ही इनकार करते हैं। ऐसे में डीएम की चिंता का अर्थ ही क्या रह जाता है?