दो डाक्टरों में मारमीट व गाली-गलौज, मौके पर पहुंची पुलिस, मगर स्वास्थ्य विभाग खामोश
परमात्मा प्रसाद उपाध्याय
बढ़नी, सिद्धार्थनगर। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी पर दो डॉक्टरों के बीच गत दिवस जम कर हाथापाई और गाली गलौज हुई। इसको लेकर क्षेत्रीय जनता चर्चा कर चटखारे ले रही है। जहां तक डाक्टरों का सवाल है, वे इसके लिए एक दूसरे पर मढ़ रहे हैं। इस घटना से स्वास्थ्यविभाग के आला अफसरों के कानों पर जू तक नहीं रेंगा है। जब कि इससे विभागीय गरिमा को काफी चोट पहुंची है।
बताया जाता है कि विवाद का कारण हाजिरी रजिस्टर पर हाजिरी को लेकर बना। कहते हैं कि कि गत दिवस हाजिरी रजिस्टर पर डा. वीके सिंह के हस्ताक्षर पर लाल निशान लगा था।जिसका अर्थ गैरहाजिर होना है। इस पर पीएचसी के प्रभारी डा.एस.के. पटेल और डा. वी.के. सिंह में कहा सुनी हुई हाथापाई और गाली गलौज में बदल गई। यह देख कर घटनास्थल पर तमाम लोग आ गये। यहां तक की पुलिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।जिसकी चारों तरफ थू थू हो रही है।
प्रभारी डा. पटेल का व्यवहार गलत- डा. वी.के.सिंह
इस संबंध में डॉ वीके सिंह ने बताया कि ब्लॉक पर उपस्थित रहने के बावजूद भी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने उनके हस्ताक्षर वाले खाने में लाल कलम लगा कर गैरहाजिर कर दिया है, जिसका कारण पूछने पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी आग बबूला हो गए और बात बढ़ गई। उनके मुताबिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी पर डियूटी के चक्कर में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एव लगभग 6 वर्षो से कुंडली मारकर जमे हुए हैं। वह अक्सर लोगों से गलत आचरण करते हैं।
बी.के. सिंह ड्यूटी नहीं करते- प्रभारी चिकित्साधिकारी
जवाब में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एस.के. पटेल ने कहा कि कोविड-19 व डेंगू बीमारी को लेकर ड्यूटी लगाने पर भी उक्त डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं जाते हैं। इतना ही नहीं वह कार्यालय द्वारा निर्गत पत्रों पर प्राप्ति का हस्ताक्षर ही नही करते हैं। उनका व्यवहार ठीक नहीं है। इसलिए ऐसा हुआ।
बहरहाल घटना की सूचना पाकर के प्रभारी थाना ढेबरूआ तहसीलदार सिंह और पुलिस चौकी इंचार्ज बढ़नी महेश सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी पर पहुंचे। वहां पर घटना के संबंध में चिकित्सकों से जानकारी लिया। अनुमान है कि अब मामला कुछ और आगे बढ़ कर पुलिस रिकार्ड तक जाएगा।