इटवा में हरिशंकर सिंह ने बढ़ाई हाथी की चाल, सपा से सीधी टक्कर लेने के मूड में

December 21, 2021 12:50 PM0 commentsViews: 809
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जनसभा में अपने अपमान को जम कर मुद्दा बना रहे बसपा नेता हरिशंकर सिंह, मुलिम समाज में भी अपनी पकड़ दिखाई

नजीर मलिक


सिद्धार्थनगर। भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हरिशंकर सिंह के बसपा में शामिल होने के बाद वहां हाथी की चाल बदल गई है। पहले वह कुछ शिथिल थी, लेकिन बसपा में शामिल होते ही हरिशंर सिह ने गांवों को मथना शुरू कर उसकी रफ्तार बेहद तेज कर दी है।

प्राप्त विवरण के अनुसार बसपा ज्वाइन करने के पखवारे भर बाद उनको इटवा से प्रत्याशी बनाये जाने की घोषणा के बाद से ही हरिशंकर सिंह ने गांव गांव में अपना लंगर डालना शुरू कर दिया है। गत दिवस ग्राम गदाखौवां, मुड़िला मिश्र आदि आधा दजन गांवों में चौपाल लगाया। जिसमें हर वर्ग के लोगों की उपस्थिति रही। भाजपा में लम्बा समय व्यतीत करने के बाद भी उनकी चौपालों में जिस प्रकार मुस्लिम अवाम जुटी उससे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

इन चौपालों में हरिशंर सिंह ने जनता के बीच भाजपा द्वारा अपने साथ किये गये अपमानजनक व्यवहसार को जम कर उठाया तथा लोगों से साफ कहा कि भाजपा की इतनी सेवा करने के बाद उनका टिकट ही नहीं काटा गया, बल्कि भाजपाइयों ने उनके परिजनों को ब्लाक प्रमुख का चुनाव भी नहीं लड़ने दिया। जिला पंचायत के चुनाव में उनके परिजन को हराने की एक भाजपा नेता द्वारा षडयंत्र किया गया। ऐसे में उनके पास बसपा में शामिल होकर चुनाव लड़ने के अलावा और विकल्प ही क्या था। उनके इस कथन पर जनता ने भी हाथ उठा कर उनकी व्यथा के प्रति संवेदना व्यक्त करते दिखी।

करीब आधादर्जन चौपालों के माध्यम से हरिशंकर सिंह जनता के बीच अपने साथ विश्वास घात का मुद्दा उठा रहे हैं। इसके अलावा जनता के सुख दुख में उनकी भागीदारी भी जनता समझ रही है। यही कारण है कि क्षेत्र में उनका जनसमर्थन निरंतर बढ़ रहा है और आज के माहौल में वह सपा के साथ टक्कर में दिख रहे हैं। हरिशंकर सिंह का दावा है कि इस बार के चुनाव में उनकी पूर्व पार्टी (भाजपा) कहीं भी टक्कर में न दिखेगी।

हरिशंकर सिंह बताते है कि उनके साथ दलितों के अलावा भाजपा का एक धड़ा साथ खड़ा है। इसके अलावा मुस्लिम मतदाता शुरू से उनके साथ रहे हैं। इस प्रकार दलित, मुस्लिम के अलावा भाजपा समर्थक एक बड़े धड़े का समर्थन भी उनके साथ है। साथ ही सत्ता पक्ष की इनकम्बेंसी की बहुत बड़ी भूमिका है। लिहाजा इटवा विधानसभा क्षेत्र में हाथी की रफ्तार बढ़नी तय है। खैर चुनाव में अभी डेढ़ महीने बाकी है। इस दौरान सपा बसपा और भजपा के अपने अपने प्रयास जारी हैं। देखना है कि हाथी की रफ्तार किस मुकाम पर पहुंच कर ठहरती है।

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