बेमिसाल बनी मुन्ना की शादी, बिना दहेज की शादी में लड़की वाले बाराती बन कर आये
राज कमल त्रिपाठी
इटवा, सिद्धार्थनगर। बिना दहेज की शादी तो आपने सुनी होगींए लेकिन ऐसी शादी तो न सुनी हो्गी न ही देखी होगी, जिसमें लडकी वालों की तरफ से बारात आये और उनका जम कर सत्कार भी हो। जिसमें लड़की पक्ष दहेज न देकर उलटे विदाई लेकर घर लौटा हो। मगर जिले के ढेबरुआ थाना के कठेला बाजार में ऐसी ही हुआ। वहां मुन्ना की शादी में बलरामपुर से बाराती आये। दूल्हा मुन्ना के पिता अनिल कमलापुरी ने उनका शानदार स्वागत किया और पूरे विधि विधान से शादी सम्पन्न कराया। इसकी क्षे़ में बहुत चर्चा है।
बताया जाता है कि अनिल ने अपने पुत्र मुन्ना की शादी बलरामपुर जिले के राजपुर निवासी बबुन कमालापुरी की बेटी से तय की थी। उन्होंने शादी में दहेज न लेने का निर्णय ले रखा था। बबुन का परिवार बेहद गरीब था इसलिए अनिल ने प्रस्ताव रखा कि बबुन अपनी पुत्री को बारात के साथ कठेला लाये। इसके लिए उन्होंने बधू पक्ष के लिए वाहनों की भी व्यवस्था की। गत दिवस सांय कन्या पक्ष के लोग कठेला पहुंचे। वहां भव्य इंताजाम था। टोटा सा कस्बानुमा गांव रौशनी से जगमगा रहा था। जैसे की लड़की वाले बरात के स्वागत के लिए खास इंतजाम करते करते हैं।
वधू पक्ष की उच्चस्तरीय मेहमाननवाजी हुई
गौर तलब है यह कोई साधारण शादी नहीं थी। इस शादी में शहरों में होने वाली बड़ी शादियों की तरह सजावट एवं खान पान की व्यवस्था की गई थी और पूरे हिन्दू विधि विधान से मंत्रोचारण के बीच विवाह संपन्न कराया गया। ऐसा उच्चस्तरीय इंताजाम ग्रामीण क्षेत्र में कम दिखने को मिलता है। इस तरह की व्यवस्था देख कर क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। सभी अनिल के इस कार्य की प्रशंसा कर रहे हैं। खुद अनिल बताते हैं कि मैने दहेज नहीं लिया, लेकिन बेटे और परिवार की खुशी का सवाल था। ईश्वर ने इतना दे रखा है कि मै सब कुछ आसानी से कर गया।
और भी सराहनीय कार्य हैं अनिल के
बताते चलें की अनिल का हैदराबाद में बेकरी का व्यवसाय है, जिसमें उन्होंने केवल सिद्धार्थनगर के युवाओं को ही रोजगार दे रखा है और उनके मिलने वाले पारिश्रमिक में से कुछ हिस्सा वह स्वयं उनके घर भेजते हैं। इस प्रकार अनिल के और भी कई सराहनीय कार्य हैं। इस बार अनिल ने एक गरीब कन्या का विवाह कर दहेज मुक्त भारत का संदेश दिया है। सभी क्षेत्रवासियों को अनिल से प्रेरणा लेनी चाहिए।