जंग और मुहब्बतः बेटी को प्रेम जाल से छुड़ाने की कीमत बाप को जान देकर चुकानी पड़ी
दो व्यक्ति हिरासत में लिए गये, गांव पुलिस छावनी में तब्दील
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। लोटन कोतवाली का सैनुआ गांव इस समय पुलिसिया बूटों की आवाज से सहमा हुआ है। यहां एक बाप की लड़की के प्रेमी के घर वालों ने हत्या कर दी है। इस लोमहर्षक घटना से और तनाव न बढ़े यही सोच कर वहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने दो कथित हत्यारों को पकड़ भी लिया है परन्तु तनाव की आशंका अभी टली नहीं है।
क्या था पूरा मामला
घटना कुछ यों है कि अपने ननिहाल घूमने आई हुई 17 साल की सुनीता (परिवर्तित नाम) मंगलवार की सबह तड़के नानी के घर से अचानक बिना बताए कहीं चली गई। अनुमान था कि वह शौच के लिए निकली है।परन्तु काफी देर तक उसके न लौटने पर सुनीता की तलाश की गई तो वह अपने प्रेमी सुरेश (बदला नाम) के साथ आपत्तिजनक अवस्था में मिली। हालांकि प्राथमिकी के अनुसार वह एक कमरे में बंधक के रूप में मिली थी। परन्तु सब जानते हैं कि दोनों में प्रेम संबंध था, ऐसे में वह बंधक क्यों बनाई जाती?
बहरहाल इस प्रकरण की सूचना लड़की के मां-बाप, जो जिले के उस्का बाजार क्षेत्र में रहते हैं, को दी गई। खबर पाकर सुनीता का पिता 48 वर्षीय सीताराम भाग कर तुनआ गांव पहुंचे तथा ससुरालियों से सारा प्रकरण जान लेने के बाद सुनीता के कथित प्रेमी सुरेश के घर शिकायत करने पहुंच गये। कहते हैं कि शिकायत के दौरान सुरेश के परिजन सारा दोष सुनीता पर ही मढ़ने लगे।
आखिर सांसे थम गईं
इसी को लेकर विवाद हुआ और राकेश के परिजन आक्रमक होकर सीताराम को बड़े वहशियाना ढंग से लाठी डंडों से पीटने लगे। सीताराम बचाव के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन सुरेश् के परिजनों के भय से उसे कोई बचाने नहीं आया। आखिरकार भीषण पिटाई के दौरान ही सीताराम की मौत हो गई। खबर पाकर लोटन पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सुरेश के दो परिजनों को हिरासत में ले लिया। कई अन्य फरार हो गये। इसके बाद वह फोर्स की तैनाती कर दी गई।
अंधी मुहब्बत
बता दें कि सुनीता दो माह पूर्व अपने ननिहाल गई थी। उसी दौरान लाकडाउन में सुरेश भी शहर से गांव आया हुआ था। कहते है कि सुरेश की शहरी छवि और पहनावा आदि देख कर सुनी उससे प्रभावित हे गई। बाद में दोनों में प्यार हो गया। इसकी खबर जब ननिहाल वालों को हुई तो उसकी नानी ने सुनीता को डांटा भी था। मगर दोनों का इश्क परवान चढ़ता ही गया। इस प्रकार बेटी की प्रेम की वेदी पर एक निरपराध बाप का जीवन अकारण भेंट चढ़ गया।